सौरव गांगुली ने आज क्रिकेट पिच से बाहर भी अर्धशतक मार दिया है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। गांगुली का नाम भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिना जाता है। उन्होंने टीम इंडिया के साथ बतौर कप्तान 2000 में शुरुआत की थी। उनके कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी विरोधी टीमों के खिलाड़ियों की आंखों में आंखें डालकर चैलेंज करना सीखी। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि विदेशी पिचों पर भारत को जीतने का हुनर दादा ने ही सिखाया था। सबसे पहले बात करते हैं उनके कप्तान बनने के बाद मिली सबसे बड़ी जीत की।
2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी में यादगार जीत
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नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेला गया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 325 रन का मुश्किल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करते हुए गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने 106 रन की सलामी साझेदारी खड़ी कर दी। इसके बाद टीम इंडिया ने 39 रन जोड़ते हुए पांच विकेट फेंक दिए। अब टीम को आगे ले जाने का दारोमदार युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ पर था। इन दोनों ने मिलकर 121 रन की पार्टनरशिप की और भारत ने आखिरी ओवर में इंग्लैंड पर यादगार जीत दर्ज कर ली।
20 साल बाद 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत
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भारतीय टीम 1983 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद अगले दो दशक तक टूर्नामेंट के फाइनल में नहीं पहुंच सकी थी। टीम इंडिया के इस इंतजार को कप्तान सौरव गांगुली ने 2003 वर्ल्ड कप में खत्म कर दिया। भारत ने लगातार आठ मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई। यह खिताबी जंग एकतरफा रहा। कंगारुओं ने जीत के लिए 360 रन का लक्ष्य दिया था। जवाब में भारत 125 रन से मैच हार गया।
2004 में पाकिस्तान को पाकिस्तान में पीटा
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भारत को 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर 3 टेस्ट और 5 वनडे की सीरीज खेलनी थी। 15 साल के लंबे अंतराल के बाद पाकिस्तान दौरे पर गई भारतीय टीम ने गांगुली की कप्तानी में दोनों ही सीरीज को अपने नाम किया। भारत ने 2-1 से टेस्ट सीरीज और 3-2 से वनडे सीरीज अपने नाम की। पाकिस्तान दौरे पर ही इरफान पठान ने टेस्ट में पहली हैट्रिक ली थी। वहीं विस्फोटक सलामी बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग इसी दौरे पर सीरीज के पहले टेस्ट में 309 रन की पारी खेलकर मुल्तान का सुल्तान बने थे।
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