'अगर मैं कप्तान होता तो...,' सौरव गांगुली का दो टूक बयान; रोहित शर्मा की कैप्टेंसी पर कही ये बात
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने ओवल में जारी WTC फाइनल में जहां टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी ली, उसके बाद उन्होंने टीम में चार तेज गेंदबाजों को भी शामिल किया।
भारतीय टीम लगातार दूसरा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने उतरी है। पिछली बार 2021 में जहां न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम अपनी कई गलतियों की वजह से हार गई थी। कुछ वैसी ही शुरुआत दूसरी बार यहां ओवल में भी हुई है। फर्क इतना है कि उस बार कप्तान विराट कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री थे। लेकिन इस बार कप्तानी कर रहे हैं पांच बार आईपीएल जीतने वाले रोहित शर्मा और हेड कोच हैं राहुल द्रविड़। लेकिन गलतियां कुछ वैसे ही रहीं जो दो साल पहले साउथैम्प्टन में हुई थीं। वहां भी टीम कॉम्बिनेशन और प्लेइंग 11 पर चर्चा हुई थी यहां भी कुछ ऐसा ही है। इस बार बवाल मच रहा है रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने पर। अब पूर्व कप्तान बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी इस पर बयान दिया है।
सौरव गांगुली ब्रॉडकास्ट चैनल स्टार स्पोर्ट्स के कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं। उन्होंने इस दौरान बात करते हुए कहा कि, अगर मैं कप्तान होता तो मेरे लिए यह बहुत मुश्किल होता कि अश्विन जैसा क्वालिटी गेंदबाज प्लेइंग 11 का हिस्सा ना हो। लेकिन उन्होंने आगे यह भी कहा कि, सभी कप्तानों की अपनी-अपनी सोच होती है और अपनी अलग राय होती है। उन्होंने कहा कि, रोहित इस बारे में कुछ और सोचते हैं और मैं कुछ और। रोहित शर्मा के अश्विन को नहीं खिलाने और फिर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने के फैसले का पुरजोर विरोध हो रहा है। यह कितना सही साबित होता है यह तो अंतिम दिन रिजल्ट के बाद ही पता लगेगा।
दादा का दो टूक बयान
सौरव गांगुली के पूरे बयान पर नजर डालें तो उन्होंने कहा कि, मैं प्रतिक्रियाओं पर विश्वास नहीं रखता और यह सब प्रतिक्रियाएं ही हैं। यह सभी फैसले आप टॉस से पहले लेते हैं और भारत ने फैसला कर लिया था कि वह चार पेसर के साथ जाएंगे। पिछले कुछ सालों में उनको इससे सफलता भी मिली है और उन्होंने उसी लिहाज से ऐसा किया। लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे अगर मैं कप्तान होता तो मेरे लिए अश्विन जैसे क्वालिटि स्पिनर को प्लेइंग 11 से बाहर रखना काफी मुश्किल होता। हर कप्तान की सोच अलग होती है। रोहित और मेरे विचार इस पर अलग हो सकते हैं।
पोंटिंग ने भी अश्विन को लेकर कही यह बात
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग ने भी सौरव गांगुली के बयान का साथ दिया। उन्होंने कहा कि, भारतीय टीम नई गेंद से डैमेज करना चाहती थी। वहीं अगर ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को दिक्कत में डालना था तो अश्विन की जरूरत टीम को थी। लेकिन वह नहीं हैं तो दिक्कत हो सकती है। बाद में ऐसा ही हुआ। पहले डेविड वॉर्नर के 43 रन और उसके बाद ट्रेविस हेड की नाबाद 146 रनों की पारी ने पहले दिन से ही टीम की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। अब देखना होगा कि दूसरे दिन खेल कहां तक जाता है।