पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपने क्रिकेट करियर में कई उतार – चढ़ाव देखे। वह कई जीत और हार के गवाह बने, कई विवाद भी उनके नाम से जुड़े, लेकिन वे हमेशा इन तमाम सरगर्मियों से बेतकल्लुफ नजर आए। उन्हें क्रिकेट से संन्यास लिए 11 साल से ज्यादा हो चुके हैं और क्रिकेट से जुड़ी एक कसक अभी तक उनके अंदर है।
2011 वर्ल्ड कप में भारत से मिली हार से परेशान अख्तर
शोएब को आर्च राइवल भारत के हाथों 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार अब तक परेशान कर रही है। एक मीडिया हाउस से बात करते हुए 46 साल के अख्तर ने कहा कि मोहाली में खेले गए उस मैच से पहले पाकिस्तान के ऊपर अंडरडॉग का टैग लगा था और उनकी टीम को इस पहचान का फायदा उठाना चाहिए था।
शोएब अख्तर ने कहा, “मोहाली में हुए 2011 वर्ल्ड कप सेमीफानल की यादें मुझे आज तक सताती हैं। मुझे पता है कि भारतीय टीम पर एक अरब से ज्यादा लोगों का दबाव था, मीडिया का दबाव था। वहां हम अंडरडॉग थे लिहाजा हमें बिना किसी दबाव के खेलना चाहिए था।”
अगर मैं होता तो सचिन, सहवाग जाते पवेलियन- शोएब
शोएब अख्तर पर हमेशा बड़बोलेपन का आरोप लगता रहा है लिहाजा वह इस बातचीत में यहीं नहीं रुके। उन्होंने सबके सामने अपनी एक काल्पनिक पिक्चर प्रस्तुत की, जिसके हीरो वे खुद थे।
“मैं इसलिए ज्यादा दुखी हूं क्योंकि अगर उस मैच में मैं होता, तो सचिन और सहवाग को आउट करके पवेलियन पहुंचा देता। मुझे पता है कि अगर आप इन दोनों खिलाड़ियों को टॉप ऑर्डर से साफ कर दें तो टीम इंडिया बिखर जाती।”
पीसीबी ने मेरे साथ की नाइंसाफी- शोएब
शोएब अख्तर को उसे मैच से पहले टीम से ड्रॉप कर दिया गया था, जिसका मलाल उन्हें आज तक है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को छह घंटे तक हारते हुए देखना उनके बर्दाश्त से बाहर हो रहा था नतीजतन उन्होंने ड्रेसिंग रूम में कई सामान तोड़ दिए थे। शोएब ने कहा, “उन्हें मुझे खिलाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मैं अनफिट था, लेकिन वॉर्म अप में मैंने आठ ओवर गेंदबाजी की थी। मेरे साथ नाइंसाफी हुई।”
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