पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर अपनी तेज और घातक गेंदबाजी के लिए मशहूर रहे हैं। उन्होंने अपनी रफ्तार और योर्कर गेंदों से हमेशा विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान किया और अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया। 90 के दशक में पाकिस्तानी टीम का हिस्सा रहे शोएब ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 444 विकेट हासिल किए। हालांकि उन्हें आज भी टीम की एक हार का दुख होता है और वह उसे भूल नहीं पाए हैं।
अख्तर के मुताबिक 1999 के विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान को जीतना चाहिए था, क्योंकि उस वक्त उनकी टीम काफी मजबूत थी। उन्होंने स्पोर्ट्सकीडा से बातचीत में कहा, "1999 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की टीम दूसरी टीमों के मुकाबले काफी ज्यादा अच्छी थी। पाकिस्तान का कोई मुकाबला ही नहीं था। हालांकि इतनी अच्छी टीम होने के बावजूद हम दो मैच हार गए। एक फाइनल मुकाबला हारे और एक मैच भारत से हार गए। हमारा हारने का चांस ही नहीं बनता था लेकिन दुर्भाग्य से हमें हार का सामना करना पड़ा।"
उस विश्व कप को इसी महीने 22 साल हो जाएंगे, लेकिन शोएब को उस हार के सपने आज भी आते हैं। पाकिस्तानी गेंदबाज ने कहा, "फाइनल में हम इस तरह धराशायी हुए कि उसकी यादें अभी भी ताजा हैं। मुझे अभी भी उसके बुरे सपने आते हैं। जब भी मैं लॉर्ड्स में खेलने गया, खुश नहीं रहा क्योंकि मुझे पता था कि हम यहां पर फाइनल हारे थे।"
गौरतलब है कि 20 जून 1999 को लंदन के लॉर्ड्स के मैदान में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया था। इसमें पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। लेकिन शेन वॉर्न की फिरकी के आगे पाकिस्तान की पूरी टीम 39 ओवर में महज 132 रन पर ही ढेर हो गई थी। वॉर्न ने चार विकेट झटके थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 20.1 ओवर में ही दो विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया और खिताब पर कब्जा किया। उस मैच में शोएब अख्तर काफी खर्चीले रहे थे और चार ओवर में 37 रन लुटा दिए थे।
Latest Cricket News