पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी अक्सर भारत के राजनीतिक और कश्मीर से जुड़े किसी भी मुद्दे पर लगातार बेवजह कमेंट करते रहते हैं। इसी बीच भारत के कश्मीर में टेरर फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई के बीच अफरीदी ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थन में ट्वीट कर दिया है। इतना ही नहीं अफरीदी ने ट्वीट में भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए कश्मीर की आजादी के लिए संघर्ष जारी रखने की बात भी कह दी है।
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग एक मामले अपना गुनाह कबूल कर लिया था। इस मामले पर स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने 19 मई को उन्हें दोषी भी करार दिया था और एनआईए को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाए जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर फांसी, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है।
शाहिद अफरीदी के जहरीले बोल
शाहिद अफरीदी ने यासीन मलिक का समर्थन करते हुए बुधवार दोपहर एक ट्वीट किया और भारत के खिलाफ जहर भी उगला। अफरीदी ने लिखा कि,"भारत के मानविधाकार हनन के खिलाफ आलोचना करने वालों की आवाज दबाने के लगातार प्रयास काम नहीं आएंगे।" इतना ही नहीं पूर्व क्रिकेटर ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया और लिखा कि,"#YasinMalik के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को रोक नहीं पाएंगे।"
अफरीदी इतने में ही बाज नहीं आए और अपने देश के बजाय भारत के मसले में कूदते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) को भी इसमें घसीट लिया। उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा कि, "यासीन का समर्थन करने और कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद कश्मीर के नेताओं के खिलाफ अनुचित और गैरकानूनी नोटिस का #UN को संज्ञान लेना चाहिए।" गौरतलब है हाल ही में साथी क्रिकेटर दानिश कनेरिया द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भी अफरीदी ने भारत को दुश्मन देश कहा था।
सोशल मीडिया पर हुई अफरीदी की फजीहत
सोशल मीडिया पर शाहिद अफरीदी को कई लोगों ने नसीहत भी दी है कि भारत में झांकना छोड़कर अपने देश पर ध्यान दें। इसी के साथ इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद हफीज का भी ट्वीट वायरल हुआ। इस ट्वीट में हफीज ने पेट्रोल की दिक्कतों के बारे में लिखा था। कई लोगों ने अफरीदी को ये ट्वीट शेयर कर समझाइश दी कि पहले अपने देश को संभाल लें थोड़ा ना कि भारत के मामलों में हस्तक्षेप करें।
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