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Hindi News खेल क्रिकेट टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर का कैंसर से निधन, बॉलीवुड की दुनिया में भी आजमा चुके थे हाथ

टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर का कैंसर से निधन, बॉलीवुड की दुनिया में भी आजमा चुके थे हाथ

टीम इंडिया के लिए शानदार ऑलराउंड खेल दिखाने वाले एक दिग्गज क्रिकेटर का कैंसर से निधन हो गया है। इस स्टार खिलाड़ी ने फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमाया था।

सलीम दुर्रान और संजय...- India TV Hindi Image Source : TWITTER सलीम दुर्रान और संजय मांजरेकर गले मिलते हुए (दाएं)

भारतीय क्रिकेट जगत से रविवार 2 अप्रैल की सुबह एक दुखद खबर सुनने को मिली। भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का निधन हो गया। हालांकि, वह लंबे समय से बीमार थे और कैंसर जैसी जटिल बीमारी से जूझ रहे थे। जानकारी के मुताबिक उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में गुजरात के जामनगर में अंतिम सांस ली। उनके बारे में अगर खास बात जान लें तो वह पहले ऐसे क्रिकेटर थे जिन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला था। वह 1960 में खेल की दुनिया के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजे गए थे। साथ ही क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमाया था। 

भारत की ओर से कुल 29 टेस्ट मैच खेलकर 1202 रन बनाने वाले सलीम दुर्राना का जीवन काफी रोचक रहा है। वह एक बैटिंग ऑलराउंडर थे। उन्होंने अपने करियर में एक शतक और सात अर्धशतक लगाए और 75 विकेट भी अपने नाम दर्ज किए। उन्होंने 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। फिर 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेला। उन्होंने अपने पहले और आखिरी दोनों मैच मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में ही खेले थे। क्रिकेट के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया का रुख कर लिया था।

परवीन बॉबी के साथ किया डेब्यू

सलीम दुर्रानी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच फरवरी 1973 में खेला था। इसके बाद उन्होंने 1973 में ही क्रिकेट को अलविदा कहा और फिल्म की दुनिया में हाथ आजमाने की थामी। इंडस्ट्री में आते ही उन्हें डेब्यू का मौका मिला उस वक्त की सबसे खूबसूरत और लीडिंग एक्ट्रेस के साथ। सलीम दुर्रानी ने बॉलीवुड फिल्म 'चरित्र' से अपने फिल्मी करियर का डेब्यू किया। इस फिल्म में उनके साथ एक्ट्रेस परवीन बॉबी थीं।

Image Source : Twitterसलीम दुर्रानी और परवीन बाबी

सलीम दुर्रानी भारतीय क्रिकेट टीम के एक स्पिन ऑलराउंडर थे। उनका जन्म 11 दिसंबर 1934 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। मगर जब दुर्रानी सिर्फ 8 महीने के थे तभी उनका परिवार पाकिस्तान के कराची में आकर बस गया। इसके बाद जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तब दुर्रानी का परिवार भारत आ गया था। क्रिकेट जगत में उनकी 60-70 के दशक में अलग पहचान थी। उन्हें एक शानदार ऑलराउंडर के तौर पर जाना जाता था। वह एक आतिशी बल्लेबाज थे।

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