अहमदाबाद नहीं इस देश में था दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम, नहीं खेले जाते एक भी इंटरनेशनल मुकाबले
भारत के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक साथ 1,32,000 लोग बैठ कर मैच देख सकते हैं। लेकिन दुनिया का एक स्टेडियम इससे भी बड़ा है।
भारत ने पिछले कुछ सालों में खेलो में काफी पैसे इंवेस्ट किए हैं। यही कारण है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम भारत के पास है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है। इस स्टेडियम को क्रिकेट खेलने के लिए बनाया गया है। इस स्टेडियम में अब तक कई बड़े मुकाबले खेले गए हैं। इस साल का क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल भी इसी स्टेडियम में खेला जाएगा। इस स्टेडियम में इस साल आईपीएल का फाइनल मुकाबला भी खेला गया था।
इस देश के पास था सबसे बड़ा स्टेडियम
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक साथ 1,32,000 लोग बैठ कर मैच देख सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्टेडियम से भी बड़ा स्टेडियम किसी और देश में हुआ करता था। सही पढ़ा आपने दुनिया में एक स्टेडियम ऐसा भी है जिसकी सीटिंग कैपेसिटी नरेंद्र मोदी स्टेडियम से भी ज्यादा थी। ये स्टेडियम दुनिया के उस देश में है जहां आज के दिन बहुत कम ही लोग जाना पसंद करते हैं। ये देश कोई और नहीं बल्कि नॉर्थ कोरिया है। नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में स्थित इस स्टेडियम का नाम रुंगराडो फर्स्ट ऑफ मई स्टेडियम है।
रुंगराडो फर्स्ट ऑफ मई स्टेडियम को साल 1989 में वहां के शासक द्वारा बनाया गया था। आपको बता दे कि इस स्टेडियम में आज तक एक भी इंटरनेशनल मुकाबला नहीं खेला गया न ही कोई इंटरनेशनल खेल का आयोजन किया गया है। दरअसल इस स्टेडियम को बनाने के पीछे के वजह को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। साल 1988 में समर ओलंपिक खेल साउथ कोरिया में खेले गए थे। इस खेल के खत्म हो जाने के बाद उत्तर कोरिया ने खुद को वैध कोरियाई राज्य के रूप में पेश करने के अपने प्रयास तेज कर दिए। जिसके कारण से इस स्टेडियम को बना दिया गया। उस वक्त इस स्टेडियम की कैपेसिटी 1,50,000 की थी। लेकिन साल 2014 में इसे घटा कर 1,14,000 कर दिया गया।
आज के दिन किस काम में आता है ये स्टेडियम
नार्थ कोरिया ने तो तैश में आकर इस स्टेडियम को बना तो दिया, लेकिन आज तक यहां पर कोई भी इंटरनेशनल आयोजन नहीं किया गया। आज के दिन इस स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल मैचों, कुछ एथलेटिक्स आयोजनों और अक्सर अरिरंग महोत्सव के सामूहिक खेलों के लिए किया जाता है। यह स्टेडियम उत्तर कोरिया की नेशनल फुटबॉल टीम का घरेलू स्टेडियम है। वरना प्रति साल नार्थ कोरिया इस स्टेडियम के रख रखाव के लिए करोड़ों रुपये खर्च करता है।