भारत और अफगानिस्तान के बीच बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया सीरीज का तीसरा टी20 मैच इतिहास के पन्नों में जरूर दर्ज हो गया। इस मुकाबले में जब 40 ओवरों का खेल खत्म हुआ तो दोनों टीमों का स्कोर बराबरी पर था। वहीं मैच का परिणाम हासिल करने के लिए सुपर ओवर में मुकाबला खेला गया लेकिन यहां भी बराबरी पर स्कोर खत्म हुआ तो दूसरी बार सुपर ओवर कराने का फैसला लिया गया और उसके बाद भारतीय टीम ने इस मुकाबले को अपने नाम किया। टीम इंडिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2024 से पहले ये आखिरी टी20 सीरीज थी और इसके सभी मुकाबलों में उन्होंने जीत हासिल की। वहीं कप्तान रोहित शर्मा ने सीरीज में क्लीन स्वीप के युवा खिलाड़ी रिंकू सिंह की भी जमकर तारीफ की।
रिंकू जैसे खिलाड़ी की हमें जरूरत
टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू के बाद से रिंकू सिंह लगातार अपनी मैच फिनिश करने की काबिलियत से सभी को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ अफगानिस्तान के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में भी देखने को मिला जब पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 22 के स्कोर पर ही 4 विकेट गंवा दिए थे। यहां से रिंकू ने कप्तान रोहित के साथ मिलकर ना सिर्फ 5वें विकेट के लिए 190 रनों की साझेदारी की वहीं टीम के स्कोर को भी 212 रनों तक पहुंचाया। रिंकू के बल्ले से इस मैच में 39 गेंदों में 69 रनों की नाबाद पारी देखने को मिली।
वहीं इस मुकाबले के बाद कप्तान रोहित ने भी रिंकू की काबिलियत की तारीफ करते हुए अपने बयान में कहा कि पिछली कुछ सीरीज जो उन्होंने खेलीं, उसमें दिखाया कि वह बल्ले से क्या कर सकते हैं। वह बहुत शांत हैं और अपनी ताकत को अच्छी तरह से जानते हैं। उससे जिस तरह की उम्मीदें वह उसे अभी तक पूरा करने में कामयाब हुए हैं। टीम के लिए उनका प्रदर्शन अब काफी शानदार रहा है और ये हमारे लिए भी एक सकारात्मक बात है। हमें निचलेक्रम में ऐसे किसी बल्लेबाज की जरूरत थी और हम जानते हैं कि उसने आईपीएल में क्या किया है और वही वह इस समय इंटरनेशनल क्रिकेट में कर रहा है।
मुझे याद नहीं आखिरी बार कब ऐसा हुआ था
इस सीरीज के पहले 2 टी20 मैचों में डक पर आउट होने वाले कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले से इस मुकाबले में शतकीय पारी देखने को मिली। वहीं मैच के बाद उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि मुझे याद नहीं है कि आखिरी बार ऐसा कब हुआ था। मुझे मुझे लगता है कि मैंने आईपीएल के एक मैच में तीन बार बल्लेबाजी की है। साझेदारी बनाना महत्वपूर्ण था। मैं और रिंकू लगातार बात कर रहे थे। 22 रन पर चार विकेट गंवाने के बाद बेहद दबाव था और हमारे लिए लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहना महत्वपूर्ण था। वहां पर दबाव जरूर था लेकिन हमें अपनी सोच को अधिक नहीं बदलना था।
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