साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दूसरे टी20 मैच में भी ऋषभ पंत ने सबको निराश कर दिया। वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और सिर्फ पांच रन बनाकर रुखसत हो गए। उनकी इस पारी ने दो खास वजहों से सबका दिल तोड़ दिया। पहला, वह बतौर कप्तान टीम के लिए एक जिम्मेदारी भरी पारी खेलने में नाकाम रहे और दूसरा, वह लगातार दूसरी बार अपनी लापरवाही भरे शॉट सेलेक्शन के कारण आउट हुए।
पंत की लापरवाही पड़ रही है भारी
कटक के बाराबती स्टेडियम में सबको ऋषभ पंत से एक बड़ी पारी की उम्मीद थी, जो पिछले मैच की तरह इस मुकाबले में भी पूरी नहीं हुई। उनकी काबिलियत और उनका हुनर कभी सवालों के घेरे में नहीं रहा, लेकिन उनके टेंपरामेंट पर हमेशा ही सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। कटक टी20 में, पंत को केशव महाराज ने अपना शिकार बनाया। वह डिलीवरी से पहले ही क्रीज से बाहर निकल चुके थे। महाराज ने गेंद को ऑफ स्टंप से बाहर रखा जिसे भारतीय कप्तान ने बिना किसी फुटवर्क के डीप प्वाइंट पर स्लाइस कर दिया, गेंद सीधे रासी डुसेन के हाथों में चली गई। इंटरनेशनल लेवल पर कई मौकों पर प्री-डिसाइडेड शॉट को बदलने की जरुरत होती है, लेकिन जिद्दी ऋषभ ने ऐसा करने से मना कर दिया।
सीरीज के पहले मैच में भी पंत लापरवाही से हुए थे आउट
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में हुए पहले टी20 मैच में पंत अच्छी टच में दिख रहे थे। वह 16 गेंद में 29 रन बना चुके थे लेकिन ऑफ स्टंप के बाहर नॉर्किया की एक स्लोअर लेंथ बॉल पर वह एक प्री-डिसाइडेड शॉट खेलते हुए लपके गए। इस मैच में भी उनका कैच डुसेन ने ही लपका था।
स्किल नहीं टेंपरामेंट है पंत की प्रॉब्लम
ऋषभ पंत ने लगातार दो मौकों पर दिखा दिया कि एकबार शॉट को डिसाइड करने के बाद वह उसे बॉल के नेचर के मुताबिक बदल नहीं पाते। बेशक, वह ऐसा करने में सक्षम हैं। अब इसे उनकी आदत कहिए या एटिट्यूड, वह अपने शॉट को नहीं बदलते। उम्मीद है, टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ इसे देख और समझ चुके होंगे।
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