दिल्ली टी20 मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में 211 रन बनाने के बावजूद भारत ने मुकाबला गंवा दिया। इतने बड़े लक्ष्य को रोकने में मिली नाकामी ने कई सवाल खड़े किए और जाहिर है इन तमाम तीखे सवालों के घेरे में सबसे पहले आने वाला शख्स टीम का कप्तान है। इस मैच में ऋषभ पंत पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे। क्रिकेट आलोचक और फैंस ने पंत की कप्तानी में दिखी कई कमियों को सामने रखा। फिलहाल इन तमाम सवालों के जवाब खुद पंत तो नहीं दे सकते, ऐसे में इनके जवाब के लिए उनके पहले कोच से बेहतर शख्स दूसरा भला कौन हो सकता है। दिल्ली अंडर-16 और अंडर 19 टीम के कोच रहे राजू शर्मा ही वह शख्स हैं, जिनकी कोचिंग में ऋषभ ने खेल के तमाम गुर सीखे। कोच शर्मा से इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु ने खास बातचीत की और सवाल पंत की कप्तानी को लेकर ही थे।
क्या पंत में एक कप्तान बनने के गुण हैं?
मौजूदा वक्त में वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट एकेडमी के हेड कोच राजू शर्मा कहते हैं, “ऋषभ पंत इस सीरीज के पहले से कप्तान नहीं थे, उन्हें केएल राहुल की इंजरी के बाद अचानक कप्तान बनाया गया। टी20 और इंटरनेशनल क्रिकेट की कप्तानी में फर्क होता है। पंत अभी नए हैं धीरे-धीरे मेच्योर होंगे। अंडर-19, स्टेट या आईपीएल में कप्तानी करने और इंटरनेशनल स्टेज पर कप्तानी करने में थोड़ा फर्क तो होता है।”
दिल्ली टी20 में पंत ने बॉलिंग चेंज में की गड़बड़ी?
इंडिया टीवी ने पंत के पहले कोच शर्मा से बॉलिंग चेंज में हुए गलत फैसलों के बारे में पूछा। इस मुकाबले में युजवेंद्र चहल ने शुरू के दो ओवर में 22 रन दिए, उसके बाद कप्तान ने उन्हें बिठा दिया और सीधे 20वें ओवर में गेंदबाजी के लिए लेकर आए। क्या ये कहना सही है कि पंत की बॉलिंग चेंज को लेकर सोच बिखर जाती है?
कोच राजू शर्मा का जवाब है, “बोर्ड ने उन्हें कप्तान कुछ सोच कर ही बनाया है। उन्होंने परफॉर्म नहीं किया, कहना सही नहीं है। पंत बॉलिंग चेंज और बेहतर कर सकते थे। चहल टी20 मुकाबलों में आपके ट्रंप कार्ड हैं। उन्हें सिर्फ दो ओवर्स के बाद रोक देना और आखिरी ओवर में लेकर आना सही नहीं था। कप्तान को उनपर विश्वास रखना चाहिए था। वह कमबैक करेंगे, यह तो गेम का हिस्सा है।”
क्या पंत को कप्तान बनाए रखा जा सकता है?
कोच शर्मा कहते हैं, “हमारी कोचिंग का अनुभव बताता है कि एक विकेटकीपर बेस्ट कप्तान बनता है या बन सकता है। मैदान में उसकी स्थिति उसे खेल पर नियंत्रण बनाकर रखने में उसकी मदद करती है। पंत में समय के साथ मेच्योरिटी आएगी। उन्हें बतौर कप्तान ज्यादा जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करनी होगी, बचपना छोड़ना पड़ेगा। लेकिन पहले इंटरनेशनल मैच की कप्तानी के बाद ही उन्हें खारिज करना ठीक नहीं होगा। वह आईपीएल में लगातार दो सीजन कप्तानी करके आए हैं। उन्हें कम से कम दो-तीन मैचों का मौका देना चाहिए, उसके बाद ही बात करना सही होगा।”
Latest Cricket News