'गेंद मैदान से लग गई थी, लेकिन आउट भी था...; अंपायर के फैसले पर दिग्गज का चौंकाने वाला बयान
शुभमन गिल के गलत आउट दिए जाने पर अब एक दिग्गज ने चौंकाने वाला रिएक्शन दिया है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 का फाइनल मुकाबला ओवल के मैदान पर खेला जा रहा है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीतने के लिए 444 रनों का टारगेट दिया। टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी रही और ओपनर्स ने मिलकर 40 से ज्यादा रन जोड़ लिए थे। लेकिन तभी शुभमन गिल आउट हो गए।
बता दें कि 7 ओवर तक टीम इंडिया ने बिना किसी नुकसान के 41 रन बना लिए थे। फिर आठवां ओवर स्कॉट बोलैंड ने किया। उनकी पहली गेंद पर ही गिल गेंद को पुश करना चाहते। गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गली में खड़े कैमरून ग्रीन का हाथों में चली जाती है। लेकिन फिर मैदान अंपायर ने थर्ड अंपायर से जानना चाहा कि कैच सही है या नहीं। रिव्यू में देखने पर पता चला कि ग्रीन ने जब डाइव लगाते हुए लेफ्ट हैंड से कैच पकड़ा। हालांकि देखने को मिला कि गेंद साफतौर पर मैदान को छू चुकी थी। इसपर खूब विवाद हुआ और अब दिग्गज ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर रिकी पोंटिंग ने भी इसपर अपनी राय दी है।
पोंटिंग के बयान से बवाल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल के चौथे दिन भारत के ओपनिंग बल्लेबाज शुभमन गिल का कैच लेते समय कैमरन ग्रीन के हाथ से गेंद एक समय जमीन को छू गई थी लेकिन उन्होंने इस दौरान तीसरे अंपायर को सही फैसला लेने का श्रेय दिया। तीसरे अंपायर रिचर्ड केटलबोरो ने इसके बाद गिल को आउट करार दिया। भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने निराशा में ‘नहीं’ चिल्लाया जबकि द ओवल के स्टैंड में चारों ओर ‘चीटिंग, चीटिंग’ के नारे लगे। पोंटिंग ने आईसीसी से कहा कि जब मैंने इसे लाइव देखा तो मुझे पता था कि गेंद उसके पास पहुंची है लेकिन रीप्ले देखने के बाद मैं सुनिश्चित नहीं था कि क्या हुआ है।
पोटिंग का चौंकाने वाला बयान
उन्होंने कहा कि मुझे असल में लगता है कि गेंद का कुछ हिस्सा जमीन को छू गया था और यह अंपायर को देखना है कि जमीन से छूने से पहले गेंद फील्डर के नियंत्रण में थी तो बल्लेबाज आउट है। दिन का खेल खत्म होने के बाद ग्रीन ने कहा था कि उन्होंने कैच लिया था जबकि गिल ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ मोहम्मद शमी भी इस फैसले की आलोचना करने वालों में शामिल रहे। उन्होंने कहा कि अंपायरों को विचार-विमर्श के लिए अधिक समय लेना चाहिए था क्योंकि यह डब्ल्यूटीसी फाइनल है।