बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले रविंद्र जडेजा ने अपनी फिटनेस को लेकर किया खुलासा
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नौ फरवरी से खेला जाएगा। इस सीरीज में रविंद्र जडेजा टीम इंडिया का हिस्सा हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने फिटनेस को लेकर बड़ी बात कही है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैच की टेस्ट सीरीज का पहला मैच नागपुर में नौ फरवरी से खेला जाएगा। इस सीरीज में रविंद्र जडेजा भारतीय टीम में पांच महिनों के बाद वापसी कर रहे हैं। रवींद्र जडेजा ने जनवरी 2023 में रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की है। तमिलनाडु के खिलाफ मैच में सौराष्ट्र का नेतृत्व करने से पहले भारतीय ऑलराउंडर लगभग पांच महीने तक मैदान से बाहर रहे थे। इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई सीरीज से पहले एक फिटनेस टेस्ट पास करने वाले भारतीय स्टार ने टीम में अपनी वापसी की कहानी साझा की है।
क्या बोले जडेजा
भारतीय हरफनमौला खिलाड़ी जडेजा ने कहा कि वह फिर से भारतीय जर्सी पहनने के लिए उत्साहित हैं और वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें मौका मिला है। उन्होंने कहा कि "इस बात से उत्साहित हूं कि मैंने पांच महीने से अधिक समय के बाद भारतीय जर्सी पहनी है। मैं धन्य हूं कि मुझे फिर से मौका मिला। रिकवरी का सफर काफी उतार-चड़ाव भरा रहा क्योंकि अगर आप पांच महीने तक क्रिकेट से दूर रहते हैं तो थोड़ी सी निराशा होती है। जाहिर है, मैं फिर से भारत के लिए खेलने के लिए फिटनेस हासिल करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।"
डॉक्टरों ने दी सलाह
रविंद्र जडेजा ने बताया कि उन्हें किसी भी कीमत पर सर्जरी कराने की जरूरत थी और उन्हें फैसला लेना था कि टी20 वर्ल्ड कप से पहले उन्हें यह सर्जरी करवानी है या बाद में। उन्होंने कहा, "मेरे घुटने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए मुझे सर्जरी करानी पड़ी। मुझे फैसला करना था कि मैं विश्व कप से पहले सर्जरी करवाना चाहता हूं या उसके बाद। डॉक्टरों ने मुझे कहा कि वर्ल्ड कप में मेरे खेलने का बहुत कम चांस है, इसलिए डॉक्टर ने भी मुझे विश्व कप से पहले इसे कराने की सलाह दी।"
NCA में मिली अच्छी ट्रेनिंग
जडेजा ने यह भी कहा कि सर्जरी के बाद की अवधि कठिन थी क्योंकि नियमित ट्रेनिंग और रिहैब का ठीक से पालन किया जाना था। उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में छुट्टी वाले दिनों में भी रिकवरी में मदद करने के लिए फिजियो और प्रशिक्षकों को श्रेय दिया।
भारतीय खिलाड़ी ने सर्जरी के बाद एनसीए के प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें दिया गया एक विशेष संदेश भी साझा किया। उन्होंने बताया कि "चोट के बाद 2 महीने की अवधि कठिन थी। मैं कहीं भी जाने और ठीक से चलने में सक्षम नहीं था, इसलिए वह समय महत्वपूर्ण था। मेरा परिवार और दोस्त स्पष्ट रूप से मेरे साथ थे। एनसीए प्रशिक्षकों ने भी मुझे एनसीए में प्रेरित किया जब मेरे शरीर में दर्द हो रहा था। उन्होंने बताया कि एनसीए में प्रशिक्षकों ने उनसे कहा कि आप अपने लिए नहीं अपने देश के लिए सोचो।
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