रविचंद्रन अश्विन भारत का वह गेंदबाज जो अनिल कुंबले के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट अपने नाम कर चुका है। महज 86 टेस्ट मैचों में 442 विकेट और 5 शतकों के साथ 2931 रन बनाने के बावजूद उनकी जगह टेस्ट टीम में स्थिर नहीं हो पा रही है। जी हां हम यह कह सकते हैं बिल्कुल स्थिर नहीं है। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले साल खेले गए चार टेस्ट मैचों में वह अपनी बारी का इंतजार करते रहे। उम्मीद थी कि विराट कोहली और रवि शास्त्री के कार्यकाल में उन्हें जगह नहीं मिली शायद राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में अश्विन बर्मिंघम टेस्ट मैच खेलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आखिर क्या है जो टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ी की जगह का दुश्मन बना हुआ है। क्यों टीम इंडिया के मौजूदा समय के बेस्ट स्पिनर को टीम में जगह नहीं मिल पा रही है। क्रिकेट पंडितों की इस पर अलग-अलग राय है। कोई कहता है कि रवींद्र जडेजा अपनी बल्लेबाजी से टीम को बेहतर बैलेंस देते हैं तो कोई कहता है कि अश्विन और जडेजा दोनों संग में ज्यादा घातक साबित हो सकते हैं। फिर इसके बाद यही सवाल उठता है...
टीम बैलेंस या इंग्लैंड की कंडीशन, क्या बनी अश्विन की दुश्मन?
रविंचंद्रन अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ 87 टेस्ट विकेट ले चुके हैं। फिर भी उन्हें पिछले चार टेस्ट मैचों में इंग्लैंड सीरीज में मौका नहीं मिला। एक और खास बात अगर बर्मिंघम टेस्ट पर गौर करें तो बेन स्टोक्स इस इंग्लैंड टीम के कप्तान हैं और अश्विन उन्हें भी 11 बार टेस्ट क्रिकेट में आउट कर चुके हैं। वहीं इंग्लैंड के स्पिनर मोईन अली का भी मानना था कि अश्विन और जडेजा की जोड़ी एजबेस्टन में ज्यादा घातक साबित हो सकती थी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी अश्विन को नहीं खिलाने पर सवाल उठाए थे।
Image Source : India TVअश्विन का टेस्ट क्रिकेट में बैटिंग और बॉलिंग रिकॉर्ड
ऐसे में कौन सही कौन गलत यह नहीं समझ आ रहा। सीरीज के पिछले चार मैच भारत ने विराट कोहली की कप्तानी और हेड कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व में खेले थे। अश्विन को नहीं खिलाने पर इस जोड़ी के ऊपर काफी सवाल उठे। अब उम्मीद थी राहुल द्रविड़ शायद कुछ नया करें लेकिन रोहित शर्मा की अनुपस्थिती में कप्तान बनाए गए जसप्रीत बुमराह ने भी अश्विन नहीं बल्कि चौथे तेज गेंदबाज के रूप में शार्दुल ठाकुर पर ज्यादा भरोसा जताया। इसके पीछे का कारण इंग्लैंड की कंडीशन थीं या फिर टीम बैलेंस ये तो कप्तान और कोच ही बता सकते हैं।
भारत के टॉप-5 लीडिंग टेस्ट विकेट टेकर - अनिल कुंबले- 619 विकेट (132 मैच)
- रविचंद्रन अश्विन- 442 विकेट (86 मैच)
- कपिल देव- 434 विकेट (131 मैच)
- हरभजन सिंह- 417 विकेट (103 मैच)
- इशांत शर्मा- 311 विकेट (105 मैच)
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अश्विन का रिकॉर्ड बेहद शानदार
रविचंद्रन अश्विन से ऊपर रवींद्र जडेजा को तवज्जो देना उनकी बल्लेबाजी को बताया जाता है। जबकि जडेजा ने 60 मैचों में 3 टेस्ट शतक लगाए हैं और अश्विन भी 86 मैचों में 5 टेस्ट शतक लगा चुके हैं। विकेट के मामले में अश्विन 442 रवींद्र जडेजा 242 से 200 विकेट आगे हैं। तो रिकॉर्ड तो अश्विन के कहीं पर से कम नहीं हैं। ऐसे में एक जवाब यही खड़ा होता है कि टीम बैलेंस और इंग्लैंड की कंडीशन दोनों कहीं ना कहीं अश्विन की राह में रोड़ा बन रही हैं। शायद कप्तान चार तेज गेंदबाजों के साथ इंग्लैंड की सरजमीं पर उतरना चाहते थे तभी शार्दुल ठाकुर टीम बैलेंस के चलते एजबेस्टन में खेले और अश्विन बाहर हो गए।
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