भारत और बांग्लादेश के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का 19 सितंबर से चेन्नई के एमए. चिदंबरम स्टेडियम में आगाज हो गया। सीरीज के पहले टेस्ट मुकाबले में बांग्लादेश टीम के कप्तान ने टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी का फैसला लिया जिसे उनके गेंदबाजों ने लगभग सही भी साबित किया। भारतीय टीम ने पहले दिन के दूसरे सत्र तक 144 के स्कोर तक 6 विकेट गंवा दिए थे, जिसमें सिर्फ यशस्वी जायसवाल के बल्ले से 56 रनों की पारी देखने को मिली थी। वहीं इसके बाद रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी ने टीम को इस गंभीर स्थिति से निकालने के साथ 7वें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी भी कर दी।
अश्विन और जडेजा ने मिलकर तोड़ दिया 24 साल पुराना रिकॉर्ड
रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जिस समय मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे तो उस भारतीय टीम पर बांग्लादेश के गेंदबाजों का दबाव साफतौर पर देखने को मिल रहा था। इसके बाद अश्विन ने आक्रामक रुख अपनाते हुए बांग्लादेश के गेंदबाजों पर अटैक करना शुरू किया। जडेजा ने भी उनका बखूबी साथ दिया और जल्द ही टीम का स्कोर 200 रनों के पार भी पहुंच गया। दोनों ने मिलकर जहां 7वें विकेट के लिए 100 रनों की साझेदारी की तो वहीं 24 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। भारत की तरफ से इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ 7वें विकेट के लिए सबसे अधिक रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड सौरव गांगुली और सुनील जोशी के नाम पर था, जिन्होंने साल 2000 में ढाका टेस्ट मैच में 121 रनों की साझेदारी की थी, जिसे अब अश्विन और जडेजा की जोड़ी ने पीछे छोड़ दिया है।
साल 2021 के बाद से टेस्ट भारतीय टीम के निचलेक्रम ने बल्ले से निभाई अहम भूमिका
टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए साल 2021 से लेकर अब तक भारतीय टीम के निचलेक्रम का काफी शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है, जिसमें 7वें या उससे नीचे के विकेट के लिए टीम इंडिया की तरफ से 25 पार्टनरशिप ऐसी देखने को मिली है जो 50 या उससे अधिक रनों की रही हैं। वहीं इस मामले में भारत से आगे सिर्फ इंग्लैंड की टीम है जिनकी टीम से 31 पार्टनरशिर 50 प्लस रनों की देखने को मिली है।
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