मध्य प्रदेश भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार रणजी ट्रॉफी चैम्पियन बनने की दहलीज पर खड़ा है। मुंबई के खिलाफ पहली पारी में मिली 162 रन की लीड ने उसके रणजी चैम्पियन बनने की बुनियाद तैयार कर दी है। हालांकि मध्य प्रदेश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के करीब पहुंचाने में तीन शतकीय पारियां खेली गईं, लेकिन जो खिलाड़ी इस कहानी का सबसे बड़ा नायक बनकर सामने आया, वो हैं रजत पाटीदार।
पाटीदार ने लगाया चैम्पियन बनाने वाला शतक
रजत पाटीदार ने बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को खिताब के बेहद करीब पहुंचा दिया है। मध्यप्रदेश ने चौथे दिन का आगाज 368/3 से किया। आसमान में छाए बादल के कारण कंडिशन बल्लेबाजी के लिए बहुत मुफीद नहीं थी, लेकिन पाटीदार मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों के आने जाने के सिलसिले के बीच क्रीज पर डटे रहे। उनकी पारी के दौरान चार बल्लेबाज पवेलियन लौटे लेकिन उन्होंने नब्ज पर काबू रखा और टीम के स्कोर को आगे बढ़ाते रहे। वे मध्य प्रदेश की ओर से आउट होने वाले सातवें खिलाड़ी थे। पाटदीर ने 219 गेंद में 20 चौकों की मदद से 122 रन की बेहतरीन पारी खेली। उनकी पारी के दम पर एमपी ने पहली पारी में 536 रन बनाकर 162 रन की बड़ी लीड ले ली।
मध्य प्रदेश के तीन बल्लेबाजों ने लगाए शतक
मध्य प्रदेश के लिए पहली पारी में सर्वाधिक 133 रन सलामी बल्लेबाज यश दुबे ने बनाए। वहीं तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए शुभम शर्मा ने 116 रन की पारी खेली, जिसके बाद पाटीदार सेंचुरी लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज बने।
सिर्फ चमत्कार से हो सकती है मुंबई की वापसी
रणजी फाइनल के चौथे दिन के खेल के खत्म होने तक मुंबई ने दूसरी पारी में दो विकेट पर 113 रन बना लिए थे। वह अभी मध्य प्रदेश की पहली पारी के स्कोर से 49 रन पीछे है और इस मुकाबले में उसकी वापसी किसी चमत्कार से कम नहीं होगी। स्टंप्स के समय अरमान जाफर 30 और सुदेव पारकर 9 रन पर क्रीज पर मुस्तैद थे जबकि कप्तान पृथ्वी शॉ 44 रन बनाकर पवेलियन लौट चुके हैं।
मध्य प्रदेश की ताजपोशी लगभग तय
फाइनल मुकाबले में सिर्फ अंतिम दिन का खेल बाकी है। एक दिन में होने वाले 90 ओवरों में इस मैच के रूख को पलटना लगभग नामुमकिन है। लब्बोलुबाब ये कि मध्य प्रदेश की जीत का सेहरा सज चुका है, बस रस्म अदायगी बाकी है।
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