मुंबई के पूर्व खिलाड़ी और महान क्रिकेटर वीनू माकंड़ के बेटे राहुल मांकड़ का निधन हो गया और 66 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। राहुल मांकड़ के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं। मुंबई के पूर्व खिलाड़ी शिशिर हतंगड़ी की फेसबुक पोस्ट से राहुल मांकड़ के निधन की खबर की पुष्टि हुई। राहुल मांकड़ ने लंदन में अंतिम सांस ली।
शिशिर ने लिखा कि, ‘‘जिग्गा भाई, मेरे दोस्त राहुल मांकड़ की आत्मा को भगवान शांति दे।’’ दाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के धीमी गति के गेंदबाज राहुल मांकड़ ने 47 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम 2,111 रन भी दर्ज हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 162 रन का था। उनके नाम पांच शतक और 12 अर्धशतक हैं। उनके भाई अशोक और अतुल भी क्रिकेटर ही थे।
अशोक ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था जबकि अतुल घरेलू क्रिकेट खेले थे। राहुल मांकड़ 1972-73 से 1984-85 तक खेले थे। पूर्व भारतीय क्रिकेटर टी ए सेकर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘राहुल मांकड़ के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। सही मायने में सज्जन व्यक्ति, अच्छे क्रिकेटर और एक महान इंसान। उनके परिवार को मेरी हार्दिक संवेदनाएं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’
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पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे ने भी राहुल मांकड़ के निधन पर दुख व्यक्त किया। उनके (राहुल के) पिता वीनू मांकड़ का नाम इन दिनों काफी चर्चा में भी था। दरअसल मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने हाल ही में मांकड आउट को ऑफिशियल रन आउट करार दिया था। यह रन आउट का एक तरीका होता है जिसमें गेंदबाज एक्शन के दौरान ही नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज को क्रीज से बाहर पाने पर रन आउट कर देता है। इसका नाम वीनू मांकड़ के नाम पर ही पड़ा था।
‘मांकडिंग’ शब्द का उपयोग सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने 1947 में किया था। उस समय भारतीय टीम दौरे पर थी। वहां पर वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को एक नहीं, बल्कि दो-दो बार क्रीज से बाहर होने पर रन-आउट किया था। उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में मांकड की ‘खेल भावना के खिलाफ जाने’ पर खूब आलोचना भी की थी।
(With Bhasha Inputs)
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