पिच विवाद पर पहली बार तोड़ी कोच द्रविड़ ने चुप्पी, मैच रेफरी पर ही साधा निशाना
पिच पर लगातार उठ रहे विवाद पर भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने बड़ा बयान दिया है।
IND vs AUS: भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में भिड़ रही है। इस सीरीज के पहले दो मुकाबले एकतरफा अंदाज में जीतने के बाद टीम इंडिया ने तीसरा मैच 9 विकेट से गंवा दिया। जिन टर्निंग विकेट्स पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भारतीय स्पिनर्स के सामने टिक भी नहीं पा रहे थे, तीसरे टेस्ट में वही दांव एकदम उल्टा पड़ गया। अब पिच पर हो रहे विवाद पर टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने एक बड़ा बयान दिया है।
राहुल द्रविड़ का बड़ा बयान
भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान सीरीज के मैच स्पिनरों के लिए अनुकूल पिचों पर खेले जाने का कोई मलाल नहीं है क्योंकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के अंक महत्वपूर्ण है और अधिकतर देश ऐसे विकेट तैयार कर रहे हैं जिनमें परिणाम निकलता है। भारत अभी चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है। इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के विकेट को आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने खराब करार दिया था जिसके बाद टर्न लेते विकेट तैयार करने को लेकर चर्चा छिड़ गई है। इस तरह के विकेट पर मैच तीन दिन के अंदर समाप्त हो रहा है।
द्रविड़ ने किया पिच का बचाव
द्रविड़ ने नागपुर, दिल्ली और इंदौर के विकेटों का बचाव करते हुए कहा कि मैं इस मामले में बहुत विस्तार में नहीं जाऊंगा। मैच रेफरी अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं। यह वास्तव में मायने नहीं रखता कि मैं उनके विचारों से सहमत हूं या नहीं। मेरी क्या राय है यह मायने नहीं रखती। लेकिन जब डब्ल्यूटीसी के अंक दांव पर लगे हों तो आपको ऐसे विकेट पर खेलना होगा जिससे परिणाम निकले।
उन्होंने हालांकि इसके साथ ही यह भी बताया कि पिछले कुछ सालों में घरेलू टीमों ने जो विकेट तैयार किए हैं उनमें खेलना चुनौतीपूर्ण रहा है। द्रविड़ ने कहा कि ऐसा हो सकता है और ऐसा केवल भारत ही नहीं विश्व भर में हो रहा है। कभी-कभी हर किसी के लिए सही संतुलन तैयार करना मुश्किल होता है और यह केवल यहीं नहीं अन्य स्थानों पर भी हो सकता है।
विदेशों में मिलती है चुनौतीपूर्ण विकेट
द्रविड़ ने आगे कहा कि जब हम विदेशी दौरों पर जाते हैं तो हमें चुनौतीपूर्ण विकेटों पर खेलना पड़ता है। हम हाल में (2022) दक्षिण अफ्रीका में खेले जहां स्पिनरों की एक नहीं चली थी। हर कोई ऐसे विकेट तैयार करना चाहता है जहां परिणाम निकले।