विराट के आक्रामक रवैये से टीम को होता है नुकसान? कोच द्रविड़ का जवाब सुनकर चौंक जाएंगे आप
लंबे वक्त से यह बहस का मुद्दा रहा है कि विराट कोहली मैदान में जरूरत से ज्यादा एग्रेसिव रहते हैं जिसका टीम इंडिया को नुकसान उठाना पड़ता है। टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भी कोहली के आक्रामक रवैये पर बात की है जो आपके लिए जानना जरूरी है।
विराट कोहली के पास 102 टेस्ट मैच का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर में जिस तरह से क्रिकेट खेला उससे यह खेल कई मायनों में बदल गया। चाहे फील्ड पर उनके खेलने और गेम को आगे बढ़ाने की शैली हो या जिम में वर्कआउट, उन्होंन क्रिकेट जगत पर गहरा असर छोड़ा है। कोहली ने अपने करियर में आसमान की ऊंचाइयों को छूआ है तो खस्ताहाल भी हुए हैं। इन तमाम परिस्थितियों और अनुभवों से क्रिकेट की उनकी समझ बेहतर हुई है, कइयों से अच्छी भी है। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में वह तीन साल से ज्यादा लंबे अरसे से शतक को तलाश रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में वह सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए। उन्होंने जिस तरह से डीआरएस लिया उसकी आलोचना भी हुई लेकिन इससे इस खेल के लिए उनकी दीवानगी और समझ कम नहीं हो जाती।
एग्रेशन और कंट्रोल का अनोखा संगम
टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि खेल की इतनी बेहतरीन समझ रखने वाले विराट कोहली आसानी से मैच के दौरान जान सकते हैं कि कब एग्रेसिव होना है और कब खेल पर कंट्रोल करना है। द्रविड़ इस बात से भी प्रभावित दिखे कि कोहली ट्रेनिंग के दौरान भी इसी मजबूत जज्बे को बरकरार रखते हैं। पूर्व भारतीय कप्तान ने लंबे समय तक खराब फॉर्म के बाद इस साल के शुरू में यूएई में एशिया कप के दौरान फॉर्म में वापसी की। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ सेंचुरी लगाकर इंटरनेशनल शतक के सूखे को खत्म किया। उन्होंने आस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में भी यही शानदार लय जारी रखी। पिछले हफ्ते 33 साल के कोहली ने अपना 44वां वनडे शतक पूरा किया।
द्रविड़ ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी एक वीडियो में कहा, ‘‘वह (विराट) जानता है कि कब आक्रामक होना है और कब खेल पर नियंत्रण करना है, उन्हें देखना शानदार है और अगर वह पारी को बढ़ा सकते हैं तो यह हमारे लिये अच्छा संकेत है।’’
विराट युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा
द्रविड़ ने वनडे फॉर्मेट में विराट के अब तक के प्रदर्शन पर कहा, ‘‘विराट का 50 ओवर के क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड है, उन्होंने जितने मैच खेले हैं, वह अद्भुत है।’’ द्रविड़ ने कहा कि भले ही विराट फॉर्म में हो या नहीं, ट्रेनिंग में उनका जज्बा जरा भी कम नहीं होता और टीम के युवा इससे सीख ले सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब से मैंने उसे देखा है, वह इसी तरह कड़ी ट्रेनिंग जारी रखते हैं। वह फॉर्म में है या नहीं, वह इसमें जरा भी बदलाव नहीं करते। टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक शानदार सबक है।’’
भारतीय टीम के मुख्य कोच का मानना है कि वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल स्थान की दौड़ अब तेज हो गई है जिससे टीमें नतीजा हासिल करने के लिये ज्यादा आक्रामक हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीमें पिछले कुछ समय से काफी आक्रामक खेल दिखा रही हैं। हमने काफी नतीजे देखे हैं। टीमें अब पहले से कहीं ज्यादा नतीजे के लिए खेल रही हैं क्योंकि वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप पॉइंट्स दाव पर लगे हैं। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के टेबल में भारत फिलहाल 52.08 परसेंटेज के साथ चौथे नंबर पर है और उसके फाइनल में पहुंचने की संभावना बनी हुई है।