दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट पर एक बार फिर से फिक्सिंग का दाग लगा है। उसके पूर्व खिलाड़ी पुमेलेला मतशिकवे फिक्सिंग के दोषी पाए गए हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। मतशिकवे को दक्षिण अफ्रीका में 2015 के 'राम स्लैम टी20 टूर्नामेंट' में मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने के लिए छह साल की जेल की सजा और क्रिकेट से पांच साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
पूर्व लायंस और दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मतशिकवे 2016 में क्रिकेट साउथ अफ्रीका की भ्रष्टाचार-निरोधी इकाई द्वारा लंबे समय तक निलंबित किए जाने वाले छह खिलाड़ियों में से एक थे। उन्हें तब क्रिकेट के सभी प्रारूपों से दस साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। अब वह गुलाम बोडी के बाद जेल की सजा पाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। मतशिकवे को भ्रष्ट गतिविधियों की रोकथाम और मुकाबला (PRECCA) अधिनियम के तहत दोषी पाया गया। यह अधिनियम हैन्सी क्रोनिये मैच फिक्सिंग मामले के बाद 2004 में शुरू किया गया था।
मतशिकवे के खिलाफ 2015 के राम स्लैम टूर्नामेंट में मैचों को फिक्स करने और उन्हें प्रभावित करने जैसे विभिन्न अपराधों में दोषी पाया गया है। इसके साथ ही वे सीएसए भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारी को पेमेंट का खुलासा करने में भी विफल रहे थे। 2015 के मामले में जिन अन्य खिलाड़ियों को दंडित किया गया उनमें गुलाम बोडी, थामी सोलेकिले, जीन सिम्स, एथी मभालाती और अल्विरो पीटरसन हैं। 2019 में भ्रष्टाचार के आठ आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद बोडी को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
मतशिकवे के करियर की बात करें तो 37 साल के पूर्व तेज गेंदबाज ने 77 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 30.01 की औसत से 178 विकेट लिए। वह 2009 से 2016 के बीच 57 लिस्ट ए मैचों और 24 टी20 मैचों का भी हिस्सा थे।
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