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Hindi News खेल क्रिकेट Prakhar Chaturvedi: 24 साल बाद टूटा युवराज सिंह का ये बड़ा रिकॉर्ड, कर्नाटक के खिलाड़ी ने खेली ब्रायन लारा जैसी ऐतिहासिक पारी

Prakhar Chaturvedi: 24 साल बाद टूटा युवराज सिंह का ये बड़ा रिकॉर्ड, कर्नाटक के खिलाड़ी ने खेली ब्रायन लारा जैसी ऐतिहासिक पारी

Prakhar Chaturvedi: कर्नाटक के बल्लेबाज प्रखर चतुर्वेदी ने कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में एक ऐतिहासिक पारी खेली। इस पारी के दौरान उन्होंने युवराज सिंह का 24 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।

24 साल बाद टूटा युवराज...- India TV Hindi Image Source : BCCI TWITTER/GETTY 24 साल बाद टूटा युवराज सिंह का ये बड़ा रिकॉर्ड

 

Prakhar Chaturvedi: बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट कूच बिहार ट्रॉफी का फाइनल मैच कर्नाटक और मुंबई की टीमों के बीच खेला गया। ये मैच केएससीए नेवुले स्टेडियम में खेला गया। बता दें पहली पारी में बढ़त लेने के कारण कर्नाटक इस सीजन में कूच बिहार ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। इस मैच में कर्नाटक के एक युवा बल्लेबाज ने ऐतिहासिक पारी खेली और युवराज सिंह का 24 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। 

कर्नाटक के खिलाड़ी ने खेली ब्रायन लारा जैसी पारी

इस मैच में कर्नाटक के बल्लेबाज प्रखर चतुर्वेदी ने इतिहास रच दिया। उन्होंने नाबाद 404 रन की पारी खेली। उन्होंने 638 गेंदों का सामना करते हुए 46 चौके और तीन छक्के लगाए। इसी के साथ वह इस टूर्नामेंट के फाइनल में 400 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बने। उनकी पारी के दम पर कर्नाटक ने अपनी पहली पारी 890 रन पर घोषित की। इस पारी के बाद उनकी तुलना वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा की पारी से की जा रही है। बता दें ब्रायन लारा टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 400 रन बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं।

24 साल बाद टूटा युवराज सिंह का ये बड़ा रिकॉर्ड

प्रखर चतुर्वेदी ने इस पारी के साथ युवराज सिंह का 24 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। वह युवराज को पछाड़ते हुए कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। प्रखर चतुर्वेदी से पहले युवराज सिंह ने दिसंबर 1999 बिहार की टीम के खिलाफ 358 रन बनाए थे। युवराज ने ये पारी एमएस धोनी के सामने खेली थी। वहीं, 2011-12 सीजन में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए विजय जोल का नाबाद 451 रन टूर्नामेंट में व्यक्तिगत सबसे बड़ा स्कोर है।

ऐसा रहा इस मैच का हाल 

इस मैच में कर्नाटक ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया था। इसके बाद मुंबई ने पहली पारी में 380 रन बना लिए थे। मुंबई के लिए युष म्हात्रे ने 145 रन की पारी खेली। लेकिन प्रखर चतुर्वेदी की पारी ने इस मैच को एकतरफा कर दिया। उनकी पारी के दम पर कर्नाटक ने पहली पारी में 510 रनों की बड़ी बढ़त हासिल की और चौथे दिन दोनों टीमों ने ड्रॉ पर समझौता करने का फैसला लिया। जिसके पास पहली पारी में बढ़त के चलते कर्नाटक को चैंपियन घोषित किया गया। 

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