विराट कोहली लंबे वक्त से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। वे टेस्ट और वनडे में बड़ी पारियां नहीं खेल पा रहे, तो टी20 में फॉर्मेट की रफ्तार से तालमेल नहीं बिठा पा रहे। इस स्थिति पर भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कोहली की टीम में जगह पर निशाना साधते हुए तीखी टिप्पणी की। कपिल जैसी महान शख्सियत के बयान से भारतीय क्रिकेट में मानो हंगामा हो गया। भारत के पहले विश्व विजेता कप्तान ने कोहली को टीम में बनाए रखने पर आपत्ति दर्ज की। इसके बाद, खराब दौर से गुजर रहे विराट के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा अपने पुराने शिष्य के बचाव में सामने आए।
बचपन के कोच ने किया कोहली का बचाव
कोच राजकुमार शर्मा ने कहा कि वे कपिल देव के विचार से सहमत नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 70 शतक आपकी काबिलियत को बयान करने के लिए काफी है।
कोच शर्मा ने एएनआई से कहा, “मैं विराट कोहली पर कपिल देव के दिए बयान को सपोर्ट नहीं करता। विराट के साथ इतना बड़ा कुछ नहीं हुआ जिसके लिए इस तरह के बयान की जरूरत हो। विराट को लेकर सबको इतनी हड़बड़ी क्यों है, उसने देश के लिए बहुत अच्छा किया है। अंतरराषट्रीय क्रिकेट में 70 शतक छोटी चीज नहीं है। मुझे नहीं लगता कि बोर्ड उसे बेंच पर बिठाने का फैसला करेगा।”
कोहली पर कपिल का बयान
आखिर ये पूरा मामला है क्या, जो कोहली के पुराने कोच को बचाव के लिए सामने आना पड़ा। दरअसल आज की तारीख में टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त कंपिटीशन है। इस स्थिति को देखते हुए कपिल देव ने कहा था कि अगर रविचंद्रन अश्विन जैसे टैलेंटेड बॉलर को टेस्ट टीम की प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जा सकता है, तो लंबे समय से फॉर्म से बाहर चल रहे विराट कोहली को भी टी20 टीम से बाहर करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
‘अश्विन की तरह कोहली भी हो सकते हैं बाहर’
विराट कोहली को इंटरनेशनल क्रिकेट में सेंचुरी लगाए ढाई साल से ज्यादा वक्त हो चुका है और तब से लगातार अपनी फॉर्म की तलाश कर रहे हैं। इस हालात को ध्यान में रखकर कपिल ने कहा, “अगर आप टेस्ट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज अश्विन को टीम से बाहर बैठा सकते है तो विश्व का नंबर एक खिलाड़ी भी बाहर बैठ सकता है।”
पूर्व महान ऑलराउंडर ने जिस तरह से बयान दिया वह विराट कोहली को टीम में जगह दिए जाने पर आपत्ति जैसा था। दरअसल उन्होंने अश्विन की नजीर पेश करके कोहली को टीम से बाहर किए जाने का रास्ता भी सेलेक्टर्स को सुझा दिया। इस गंभीर स्थिति पर भारतीय क्रिकेट में सब खामोश रहे लेकिन विराट के बचपन के कोच चुप नहीं रह सके।
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