Nikhat Zareen: निकहत जरीन ने बताया सफलता का राज, इन लोगों ने खराब टाइम पर किया था सपोर्ट
निकहत जरीन ने लगातार दो बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया है। अब उन्होंने सफलता के राज खोले हैं।
Nikhat Zareen: निकहत जरीन ने लगातार दो बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया है। इसी के साथ उन्होंने मैरी कॉम की बराबरी की। वह सामान्य और मध्यवर्गीय परिवार से आती हैं। इंडिया टीवी से बात करते हुए निकहत ने अपनी सफलता के राज खोले और मैरीकॉम विवाद के बारे में भी बात की। आइए जानते हैं, इसके बारे में।
निकहत ने बताए सफलता के राज
निकहत जहीन ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि मुझे बहुत ज्यादा खुशी हो रही है। भारत में खेलने का मेरा ये पहला अनुभव था और नई केटेगरी खेलना, 6 बाउट लड़कर जीतना अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि जब मैंने बॉक्सिंग की शुरुआत की। तब कई लोगों ने मेरे पापा से कहा कि तुम अपनी बेटी को बॉक्सिंग क्यों सिखा रहे हो। ये तो मर्दों का गेम है। यहां शॉर्ट्स पहनने पड़ते हैं, लेकिन पापा ने उनकी नहीं सुनी, क्योंकि पापा खुद एक एथलीट रहे हैं।
परिवार ने किया सपोर्ट
पापा ने हमेशा कहा है कि बेटा आप मेहनत करते रहो, क्योंकि जब आप भारत के लिए मेडल जीतते हो, तो यही लोग आप के साथ फोटो खिंचवाएंगे। अब अच्छा लगता जब लोग मेरी जीत की खुशी मनाते हैं। सभी की जिंदगी में मुश्किलें आती हैं। मैं खुश हूं कि मैंने लोगों की सोच बदली है।
मैरीकॉम विवाद पर कही ये बात
निकहत जरीन ने आगे बोलते हुए कहा कि साल 2017 में जब मुझे कंधे में चोट लगी थी तब डॉक्टर्स ने कहा कि ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। वरना आप आगे नहीं खेल पाओगे। फिर ऑपरेशन के बाद लोगों ने कहा अब चोट के बाद तुम इंडियन टीम में वापसी नहीं कर पाओगी। इससे मैं बहुत उदास हो गई थी। लेकिन फिर मैंने मेहनत की और शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत हुई।
मैरीकॉम विवाद पर निकहत जरीन ने बोलते हुए कहा वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के बाद मैंने उन्हें अपना मेडल दिखाया था। अभी हमारे बीच सब कुछ ठीक है। अभी मेरा एक ही सपना है कि ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड जीत जाऊं।
मैरीकॉम की थी बराबरी
निकहत जरीन ने 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में वियतनाम की एनगुएन थि ताम को हराकर अपना दूसरा विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीता। उन्होंने ताम पर 5-0 से जीत दर्ज की। इस तरह निकहत महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (6 बार की विश्व चैम्पियन) के बाद दो बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बनीं।