टीम इंडिया के साथ क्यों जुड़े मॉर्नी मॉर्केल? BCCI के वीडियो में हुआ खुलासा
बांग्लादेश के खिलाफ शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले मॉर्नी मॉर्कल टीम इंडिया के साथ जुड़े हैं। उन्हें भारतीय टीम में गेंदबाजी कोच की भूमिका दी गई है।
भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत 19 सितंबर से हो रही है। इस सीरीज के शुरू होने से पहले टीम इंडिया को एक नए दिग्गज का साथ मिला है। यह दिग्गज कोई और नहीं बल्कि मॉर्नी मॉर्केल हैं। मॉर्नी मॉर्केल बतौर गेंदबाजी कोच टीम इंडिया के साथ जुड़े हैं। मॉर्नी का सफर काफी शानदार रहा है। अब उन्होंने भारतीय टीम के साथ जुड़ने के बाद अपने आगे के प्लान, भारतीय गेंदबाजी और अपने अनुभवों को लेकर खुलासा किया है। बीसीसीआई ने इसका वीडियो भी अपने वेबसाइट पर डाला है।
मॉर्नी मॉर्केल ने कही ये बात
मॉर्नी मॉर्केल ने भारतीय क्रिकेट के साथ जुड़ने के बाद बताया कि जब उन्हें कॉल आया और उन्होंने कॉल समाप्त की, तो वह कमरे में लगभग पांच मिनट तक बैठकर इस पर विचार करते रहे। फिर उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को फोन किया, उनसे इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी के पास भी नहीं गए। आम तौर पर वे पहले आपकी पत्नी के पास जाते हैं लेकिन इस बारे में उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को बताया। वह सालों से क्रिकेट के फैन रहे हैं और यह उनके लिए काफी खास पल है।
उन्होंने आगे कहा कि वह लगभग 5-7 मिनट तक इसका आनंद लेते रहे और फिर जाहिर तौर पर इसे अपने परिवार के साथ साझा किया और कहा कि यह अवसर है और संभावित रूप से ऐसा हो सकता है। मॉर्नी इस बात से बेहद खुश नजर आए। आखिरकार उन्हें चीजें मिल गईं और वह अब पूरी तरह से तैयार हैं और भारत के साथ एक शानदार यात्रा और समय का इंतजार कर रहे हैं। मॉर्नी ने आगे कहा कि उनके लिए लोगों से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कुछ खिलाड़ियों के खिलाफ काफी खेला है। उन्होंने आईपीएल के दौरान कुछ लोगों को देखा है और वह उनसे जुड़े हुए हैं और अब कैंप में रहना और दोस्ती और रिश्ते बनाना उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
टीम इंडिया के गेंदबाजों को लेकर दिया बड़ा बयान
भारतीय टीम के युवा गेंदबाजों के बारे में पुछे जाने पर मॉर्नी मॉर्केल ने कहा कि गेंदबाजो में टैलेंट और कौशल का होना एक अगल बात है, लेकिन आप युवा खिलाड़ियों को इस माहौल में कैसा महसूस करा सकते हैं वह बड़ी बात है। नीली जर्सी पहनकर भारत के लिए खेलने से काफी उम्मीदें रहती हैं। तो उनका काम अनुभव प्राप्त करना और उससे गुजरना, बस उस ज्ञान को आगे बढ़ाना और उन्हें व्यवस्थित होने और घर जैसा महसूस करने में मदद करना है। उन्हें लगता है कि, जैसे ही किसी खिलाड़ी में वह सहजता आ जाएगी और वह उस स्थान में सहज महसूस करेगा, तो उसके प्रदर्शन में अपने आप सुधार आएगा।
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