कराची। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद क्रिकेट में फैले भ्रष्टाचार पर बड़ा बयान दिया है। मोहम्मद हफीज ने कहा कि खेल में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए खिलाड़ियों को कभी भी देश की ओर से खेलने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।
हफीज ने संन्यास की घोषणा करने के बाद लाहौर में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह अपने इस रुख पर कायम हैं कि मैच फिक्स करने वाले और देश को धोखा देने वाले खिलाड़ी को कभी खेलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। हफीज ने कहा, ‘‘मेरे लिए करियर की सबसे बड़ी निराशा और पीड़ा तब थी जब मैंने और अजहर अली ने इस मुद्दे पर सैद्धांतिक रवैया अपनाया लेकिन बोर्ड अध्यक्ष ने हमें बताया कि अगर हम नहीं खेलना चाहते तो कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन संबंधित खिलाड़ी खेलेगा।’’
हफीज ने स्पष्ट किया कि उनके संन्यास का पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा के इस रुख से कोई लेना देना नहीं है कि उन्हें और शोएब मलिक को 2019 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं 2019 विश्व कप से संन्यास के बारे में सोच रहा हूं लेकिन मेरी पत्नी और कुछ शुभचिंतकों ने मुझे खेलते रहने के लिए मनाया। लेकिन मैं तभी से इस बारे में सोच रहा था।’’
हफीज ने कहा, ‘‘जहां तक इस बात का सवाल है कि रमीज ने क्या कहा या महसूस किया तो यह उनका निजी नजरिया है और मैंने हमेशा आलोचकों का सम्मान किया है। मेरा तरीका मैदान पर उतरकर उन्हें जवाब देना है। मैं बोर्ड में किसी ने नाराज नहीं हूं। ’’
हफीज ने कहा कि वह बिना किसी मलाल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। इस सीनियर खिलाड़ी ने हालांकि स्वीकार किया कि वह टी20 विश्व कप के बाद से पीसीबी प्रमुख से मिलने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘रमीज ने कहा कि उन्होंने सोचा कि मैं पीएसएल और केंद्रीय अनुबंध में अपने वर्ग के बारे में बात करना चाहता हूं। लेकिन जब मैं 31 दिसंबर को अंतत: उनसे मिला तो मैंने उन्हें कहा कि मैं सिर्फ उन्हें संन्यास के अपने फैसले के बारे में सूचित करना चाहता था।’’ हफीज ने साथ ही कहा कि खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच बेहतर संवाद होना चाहिए।
(with Bhasha Inputs)
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