भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाने वाली दिग्गज महिला क्रिकेटर मिताली राज (Mithali Raj) ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। 26 जून 1999 को अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेलने वाली मिताली राज ने 8 जून 2022 को संन्यास का ऐलान कर दिया है। मिताली राज को लेडी तेंडुलकर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन इन 23 सालों में कैसे मिताली ने यह ताज हासिल किया उन उपलब्धियों के बारे में जानते हैं।
मिताली राज ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम की कमान संभाल चुकीं मिताली ने भावुक पत्र लिखकर अपने 23 साल लंबे करियर को विराम दिया। साथ ही उन्होंने अपने संदेश में दूसरी पारी के लिए प्रशंसकों से प्यार और आशीर्वाद की कामना भी की। 39 वर्षीय मिताली के नाम महिला क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है। साथ ही वह रिकॉर्ड छह वर्ल्ड कप खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर भी हैं लेकिन इस खिताब को जीतने का उनका सपना जरूर अधूरा रह गया।
मिताली से लेडी तेंडुलकर तक का सफर
मिताली राज ने 26 जून 1999 को आयरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मुकाबले से इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। वहीं उन्होंने अपना आखिरी अंतरारष्ट्रीय मैच 27 मार्च 2022 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ महिला वनडे वर्ल्ड कप में खेला था। वह महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली क्रिकेटर हैं और साथ ही वह 200 वनडे मैच खेलने वाली भी इकलौती महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। मिताली ने अपने एकदिवसीय डेब्यू पर शतक लगाया था और उनके नाम सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने का रिकॉर्ड भी है।
Image Source : India TVमिताली राज के क्रिकेट करियर की खास उपलब्धियां
मिताली राज ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 10,868 रन बनाए। उनके अलावा किसी भी अन्य बल्लेबाज ने 7805 से ज्यादा रन नहीं बनाए हैं। उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट, 232 वनडे और 89 टी-20 मैच में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। वनडे में उनके नाम 50.68 की औसत से 7805 रन दर्ज हैं। वहीं टेस्ट में 43.68 की औसत से मिताली ने 699 रन बनाए। मिताली ने टी-20 में भी 37.52 की औसत से 2364 रन बनाए जिसमें उनके 17 अर्धशतक शामिल हैं।
अधूरे सपने के साथ मिताली ने क्रिकेट को कहा अलविदा
इन सबके अलावा मिताली राज महिला एकदिवसीय मैचों में लगातार सात अर्द्धशतक बनाने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं। इसके अलावा हाल ही में उन्हें सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप मुकाबलों में टीम का प्रतिनिधित्व करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। इतनी सारी उपलब्धियों के कारण उन्हें लेडी तेंदुलकर का नाम दिया गया था। हालांकि, सचिन तेंदुलकर का 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हो गया था लेकिन मिताली का यह सपना अधूरा रह गया। 2017 में भारतीय महिला टीम फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड से हार गई थी। वहीं अपना छठा वर्ल्ड कप खेलने उतरीं मिताली 2022 सत्र में भी अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पाईं और आखिरी में उन्हें अपने इस अधूरे सपने के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
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