टीम इंडिया कटक के बाराबती स्टेडियम में टी20 इंटरनेशनल सीरीज के दूसरे मैच में साउथ अफ्रीका का सामना करेगी। इस मैच के शुरू होने से पहले भारतीय खेमे के सामने सबसे बड़ा सवाल है, मिलर से कैसे बचें? दिल्ली में खेले गए सीरीज के पहले मुकाबले में मिलर ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 31 गेंदों में 64 रन बनाए और अपनी टीम को मैच जिताकर ही वापस लौटे। यानी अगले मैच में भी भारतीय टीम के लिए सबसे बड़े डेंजर मैन ‘किलर’ मिलर ही होंगे।
क्या होगा मिलर को रोकने का फॉर्मूला?
पिछले मैच में मिलर ने 64 में से 46 रन चौकों और छक्कों से बनाए, यानी वह भारतीय गेंदबाजों के साथ सिर्फ बाउंड्री में डील करते हैं। ऐसे में गेंदबाजों को उन्हें बाउंड्री देने से बचना चाहिए। बेहतर होगा कि सिंगल देकर उन्हें स्ट्राइक से दूर रखें। मिलर ने पिछले मैच में शरीर के पास की तमाम गेंदों को आकाशी मार्ग से बाहर भेजा, लिहाजा गेंद को उनसे दूर रखने की कोशिश करना बेहतर होगा, वरना कोटला जैसे दूसरे छोटे ग्राउंड में भी वे बहुत मारेंगे। इसके लिए कोच और टीम मैनेजमेंट को बॉलर्स के साथ खास रणनीति बनानी पड़ेगी, क्योंकि आमतौर पर जब वे 15–20 रन बना लेते हैं तो 50-60 रन के बाद ही क्रीज से जाते हैं और तब तक काम खत्म हो चुका होता है।
टीम इंडिया के पास क्यों नहीं है मिलर, डुसेन का जवाब?
विंडबना यह है कि भारत को मिलर का खौफ है कि वह खेलेगा और बहुत मारेगा, लेकिन साउथ अफ्रीका कैंप में ऋषभ पंत या श्रेयस अय्यर को लेकर वही डर नजर नहीं आता। बेशक उन्हें भी भारत के पंत और अय्यर से खौफ होना चाहिए, लेकिन इस डर को कायम करने के लिए इन दोनों को मिलर और रासी वैन डर डुसेन की तरह खेलना होगा। दिल्ली टी20 में पंत ने 29 और अय्यर ने 36 रन बनाए, जबकि उसी मैच में डुसेन ने 75 और मिलर ने 64 रन ठोके और अंत तक आउट नहीं हुए। पिछले मैच में मिलर ने जीत दिला दी और मैन ऑफ द मैच बने। मतलब साफ है, टीम को जिताना है, तो पंत और अय्यर को अपने निजी आंकड़ों को 25-30 से आगे बढ़ाकर 50-60 के पार ले जाना होगा जिसके लिए उन्हें जिम्मेदारी से खेलना होगा।
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