'मांकडिंग' पर MCC और WCC की दो टूक, कहा- गेंदबाज विलेन नहीं, बल्लेबाज तोड़ते हैं नियम
Mankading Controversy: मांकडिंग को हालांकि ऑफिशियल रनआउट बना दिया गया है लेकिन फिर भी कुछ पूर्व क्रिकेटर इसे खेल भावना से जोड़ते रहते हैं। इसी पर MCC और WCC ने अब दो टूक बयान दिया है।
मांकडिंग या फिर अब ऑफिशियल लफ्जों में कहें तो नॉन स्ट्राइकर एंड पर रनआउट लगातार चर्चा का विषय रहता है। हाल ही में आईसीसी द्वारा इसे आधिकारिक रनआउट घोषित करने के बाद भी कई पूर्व क्रिकेटर इसे खेल भावना का मुद्दा बनाए रहते हैं। इसी को लेकर एक बार फिर से क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने दो टूक बयान जारी किया है। इसके मुताबित इस तरह के रनआउट में गेंदबाज की कोई गलती नहीं होती बल्कि यह बल्लेबाज की गलती होती है कि वो नियम तोड़ता है और पहले ही क्रीज छोड़कर निकल जाता है।
इसी को लेकर विश्व क्रिकेट समिति (WCC) ने कहा कि, किसी भी गेंदबाज को नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन चुराने के प्रयास में अपनी क्रीज पर आगे खड़े बल्लेबाज को ‘रन आउट’ करने के लिए ‘विलेन’ नहीं कहा जा सकता। डब्ल्यूसीसी ने सभी उम्र ग्रुप स्तर के क्रिकेट में इस तरीके से आउट होने के तरीके को सामान्य करने की कोशिश में यह बात कही है। साथी ही डब्ल्यूसीसी ने इस विवादास्पद मुद्दे पर ‘संयम’ बनाए रखने की भी बात कही, क्योंकि कुछ पूर्व क्रिकेटर अब भी मानते हैं कि इस तरह बल्लेबाज को रन आउट करना खेल भावना के खिलाफ है। जबकि आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) नियम बना चुका है कि इसे ‘रन आउट’ माना जाएगा।
डब्ल्यूसीसी में कुमार संगकारा, सौरव गांगुली, जस्टिन लैंगर, एलिस्टेयर कुक जैसे पूर्व दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं जिसके चेयरमैन माइक गैटिंग हैं। डब्ल्यूसीसी ने पिछले हफ्ते दुबई में आईसीसी मुख्यालय में बैठक की थी और अब वह खेल के सभी स्तरों (मनोरजंन के लिये क्रिकेट से लेकर एलीट स्तर तक) में इस नियम को स्वीकार करने के लिए शांत रहने की बात कर रही है। क्योंकि नॉन स्ट्राइकर एंड पर क्रीज से आगे खड़े खिलाड़ी को रन आउट करना नियमों के अंतर्गत है।
MCC ने दिया यह बयान
वहीं खेल के नियम बनाने वाली एमसीसी ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर एडम जम्पा के बिग बैश लीग मैच में नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े टॉम रोजर्स को रन आउट करने का प्रयास की घटना के बाद नियम के शब्दों पर स्पष्टीकरण जारी किया था। इस स्पष्टीकरण में नियम 38.3 के शब्दों में बेहतर स्पष्टता प्रदान करने और गलतफहमियों को दूर करने के लिए बदलाव शामिल था। एमसीसी ने गुरूवार को भी एक बयान में कहा कि, सबसे अहम कारक यही है कि इस तरह के आउट होने के तरीके पर एक सरल तरीके से सभी तरह के संदेह और विवादों को खत्म किया जा सकता है कि नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ा खिलाड़ी नियमों का पालन करे और अपनी क्रीज के अंदर तब तक बना रहे जब तक गेंदबाज गेंद ना फेंक दे।
इसके अलावा दुबई में चर्चा में यह मुद्दा भी सामने आया कि इस तरह आउट करने पर गेंदबाज की आलोचना की जाती है। समिति के सभी सदस्य इसको लेकर एकमत थे कि जो बल्लेबाज खेल के नियमों को तोड़कर क्रीज पर अपनी जगह से आगे खड़ा रहता है, वही दोषी है। इस बात पर सब सहमत थे कि गेंदबाज को बल्लेबाज को कोई चेतावनी देने की आवश्यकता नहीं है जिससे पुष्टि होती है कि उनके पास नियम तोड़ने वाले बल्लेबाज को उसी समय आउट करने का अधिकार है। श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगकारा ने इस पर कहा कि, यहां गेंदबाज ‘विलेन’ (खलनायक) नहीं है। प्रत्येक बल्लेबाज के पास विकल्प है कि वे अपनी क्रीज के अंदर रहें या फिर अगर वे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तो रन आउट किए जाने के जोखिम के लिए तैयार रहें। अगर वे अपनी क्रीज से बाहर रहते हैं तो वे ही नियमों को तोड़ रहे हैं।