इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों और सहयोगी स्टाफ के लिये कड़े जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) को खत्म करने की अपील की है। पीटरसन का कहना है कि बायो बबल इस दुनिया के सर्वश्रेष्ठ काम को बर्बाद कर रहा है। बता दें, एशेज सीरीज में बायो बबल होने के बावजूद इंग्लैंड के कैंप में कोरोनावायरस की एंट्री हुई थी।
इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट भी कोविड को लेकर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उनका कहना है कि एशेज के दौरान इंग्लैंड के कैंप में हुई कोरोनावायरस की एंट्री ने टीम के प्रदर्शन पर प्रभाव डाला है।
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पीटरसन का बयान भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली और पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के विचार से भिन्न है जिन्होंने कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व में कार्यभार प्रबंधन के लिये संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की थी।
पीटरसन ने ट्वीट किया,‘‘जितनी जल्दी हो सके खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिये सख्त बायो बबल खत्म करने की आवश्यकता है। अभी जो दुनिया का सबसे अच्छा काम है वह उसे बर्बाद कर रहा है।’’
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वर्तमान एशेज श्रृंखला से पूर्व ऐसी रिपोर्ट आयी थी कि इंग्लैंड के शीर्ष खिलाड़ी पांच मैचों की श्रृंखला का बहिष्कार कर सकते हैं क्योंकि वे पृथकवास के कड़े नियमों के कारण करीब चार महीने तक होटल के कमरों तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं।
खिलाड़ियों के प्रतिनिधियों, इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी), क्रिकेट आस्ट्रेलिया और आस्ट्रेलियाई सरकार के बीच बातचीत के बाद यह मामला सुलझा लिया गया था।
(With PTI Inputs)
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