IPL 2025 Mega Auction: आखिर किस बात पर आमने सामने आए कोलकाता और पंजाब, होने वाले हैं बड़े फैसले
IPL 2025: बीसीसीआई ने अगले साल होने वाले आईपीएल से पहले मेगा ऑक्शन के लिए एक मीटिंग बुलाई। इसमें कोई फैसला तो नहीं हो सका, लेकिन टीम मालिकों ने अपनी अपनी राय जरूर सामने रख दी है। कई मुद्दों पर सभी की अलग अलग राय है।
IPL 2025 Mega Auction Rules: आईपीएल का अगला सीजन अप्रैल मई में खेले जाने की उम्मीद है, यानी इसमें अभी काफी वक्त बचा हुआ है। बावजूद इसके आईपीएल टीमों और बीसीसीआई ने तैयारी शुरू कर दी है। आईपीएल से पहले सबसे बड़ा इवेंट होता है ऑक्शन। इसी में टीमें अपनी अपनी पसंद के खिलाड़ी अपने पाले में शामिल करती हैं। इस दिन खिलाड़ियों की भी लॉटरी लगती है, क्योंकि उन पर करोड़ों की बाजी लगाई जाती है। अब इसी ऑक्शन लेकर मामला फंसता हुआ सा दिखाई दे रहा है। यानी इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन से पहले मेगा ऑक्शन होगा या फिर मिनी ऑक्शन से ही काम चलाया जाएगा, इस पर टीमों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है।
बीसीसीआई ने मुंबई में बुलाई थी आईपीएल टीमों की मीटिंग
आईपीएल 2025 की तैयारियों को तेज करने के लिए टीम मालिकों और बीसीसीआई की बैठक बुधवार शाम को मुंबई में हुई। टूर्नामेंट में मेगा ऑक्शन के लिए कितने खिलाड़ी एक टीम में रिटेन किए जाएंगे, रिटेंशन की संख्या क्या होगी? क्या इम्पैक्ट नियम होना चाहिए, इन पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक में बीसीसीआई ने अभी कोई फैसला नहीं लिया। बीसीसीआई और आईपीएल की 10 फ्रेंचाइजी के बीच बैठक में विवाद का मुख्य मुद्दा यह था कि आगामी सीजन से पहले मेगा ऑक्शन हो या नहीं। क्रिकबज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ टीम मालिक मेगा ऑक्शन के खिलाफ हैं, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान भी शामिल हैं। इसकी पुष्टि दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने की।
शाहरुख खान बनाम नेस वाडिया भी दिखा
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अगर बीसीसीआई मेगा ऑक्शन को खत्म करने का फैसला करता है, तो रिटेंशन की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी। रिटेंशन की संख्या क्या होगी, इस पर भी सहमति नहीं बनी। जानकारी के अनुसार बैठक में एक समय ऐसा भी आया, जब केकेआर के मालिक पंजाब किंग्स के सह-मालिक नेस वाडिया के साथ रिटेंशन की संख्या को लेकर तीखी बहस में उलझ गए। शाहरुख बड़े रिटेंशन के पक्ष में थे, जबकि वाडिया इसके खिलाफ थे।
खिलाड़ियों की रिटेंशन संख्या पर भी सभी टीमें एकमत नहीं
मीटिंग के दौरान सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रिटेंशन का था। सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ काव्या मारन का कहना था कि रिटेंशन में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को सीमित ना किया जाए। इस बात से कुछ अन्य फ्रेंचाइजी भी सहमत हैं। इसके अलावा मेगा ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच का विकल्प हो या ना हो, अनकैप्ड खिलाड़ियों को स्काउट करने और उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए क्या टीमों को इंसेंटिव मिलना चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा बड़ी नीलामी कितने साल पर हो और उसमें पर्स कितना हो, ये भी बैठक के कुछ अहम बिंदु थे।
अभी तक ये रहे हैं ऑक्शन के नियम
आईपीएल के नियमों के अनुसार मेगा ऑक्शन से पहले टीमों को अपने अधिक से अधिक चार प्लेयर्स को रिटेन करना होता है। बाकी सभी खिलाड़ी छोड़ने होते हैं। वहीं बात अगर मिनी ऑक्शन की करें तो वहां छोड़ने वाले और रिटेन किए जाने वाले खिलाड़ियों को लेकर कोई संख्या लागू नहीं होती। फ्रेंचाइजियों का कहना होता है कि वे किसी नए खिलाड़ी को लेकर उसे तैयार करते हैं, जब वो ठीक खेलना शुरू करता है और मैच विनर बनता है तो फिर उसे मजबूरन नियमों के आधार पर छोड़ना पड़ता है। हालांकि सभी जानते हैं कि जो टीमें कमजोर होती हैं, वो मेगा ऑक्शन की डिमांड करती हैं, ताकि वे अगली नीलामी में कुछ बड़े और नामी खिलाड़ियों को खरीद पाएं, वहीं जो टीमें पहले से ही मजबूत होती हैं, वो छोटी नीलामी चाहती हैं, ताकि उन्हें अपने खिलाड़ी ना छोड़ने पड़ें। इस बीच मीटिंग के बाद अब बीसीसीआई क्या फैसला करता है, ये आने वाले दिनों में देखना काफी दिलचस्प होगा
(ians input)
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