IPL 2024: स्लो ओवर रेट के जाल में बार-बार क्यों फंस रही दिल्ली की टीम? Playing 11 में छुपा है राज
Delhi Capitals: दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत पर लगातार दूसरे मैच में स्लो ओवर रेट के चलते जुर्माना लगा है। इस बार पंत के साथ-साथ टीम के बाकी खिलाड़ियों पर भी एक्शन लिया गया है।
Slow Over Rate IPL 2024: दिल्ली कैपिटल्स की टीम पर आईपीएल 2024 में दोहरी मार पड़ी है। वह शुरुआती 4 मैचों में से 3 मैच हार चुकी है। दूसरी ओर इन मैचों में से 2 मैचों में उसे स्लो ओवर रेट के चलते नुकसान उठाना पड़ा है। ऋषभ पंत पर सीएसके के खिलाफ स्लो ओवर रेट के चलते 12 लाख रुपये के जुर्माने का सामने करना पड़ा। वहीं, कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ भी उनकी टीम ने यही गलती दोहराई जिसके चलते पंत पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं, इस बार टीम के अन्य खिलाड़ियों पर भी 6 लाख रुपये या मैच फीस का 25% जुर्माना लगाया गया है।
स्लो ओवर रेट के जाल में फंसी DC
स्लो ओवर रेट के नियम के मुताबिक, आईपीएल में हर टीम को 90 मिनट में 20 ओवर फेंकने होते हैं। इन 90 मिनट में स्ट्रेटिजिक टाइम आउट और डीआरएस लेने का समय शामिल नहीं होता है। स्ट्रेटिजिक टाइम आउट और डीआरएस लिए जाने पर ओवर रेट मीटर उसी वक्त रोक दिया जाता है। लेकिन दिल्ली की टीम पिछले 2 मैचों से 90 मिनट में 20 ओवर फेंकने में नाकाम हो रही है, जिसके चलते उनके खिलाफ बार-बार एक्शन लिया जा रहा है।
दिल्ली की टीम से बार-बार कहां हो रही गलती?
दिल्ली की टीम के द्वारा इन दो मैचों में 90 मिनट में 20 ओवर ना फेंकने की सबसे बड़ी वजह उनकी तेज गेंदबाजी है। दरअसल, पंत ने इन दोनों मैचों में ही तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया है। बता दें कि तेज गेंदबाज के मुकाबले स्पिन गेंदबाज जल्दी ओवर खत्म करता है। तेज गेंदबाज को गेंदबाजी के लिए लंबे रन अप की जरूरत होगी, जिसमें समय भी ज्यादा लगता है। दूसरी ओर स्पिनर्स छोटे रन अप में जल्दी ओवर डाल देते हैं।
इन आंकड़ों से समझिए दिल्ली की गलती
ऋषभ पंत ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ खेले गए मैच में 7 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया था। इनमें से 6 तेज गेंदबाज थे और इन्होंने मैच में 20 में से 19 ओवर फेंक थे। इसका मतलब ये है कि दिल्ली इस मैच में सिर्फ 1 ही स्पिनर के गेंदबाजी करवाई और इस गेंदबाज ने केवल 1 ओवर की करवाया। दूसरी ओर पिछले मैच में भी दिल्ली ने 7 गेंदबाजों से गेंदबाजी करवाई थी। इनमें से 6 तेज गेंदबाज थे और 1 स्पिनर। जिसमें 17 ओवर तेज गेंदबाजों ने किए थे और 3 ओवर स्पिनर ने।
शुरुआती 2 मैचों में स्लो ओवर रेट से कैसे बची दिल्ली की टीम?
दिल्ली कैपिटल्स को इस सीजन में अपने शुरुआती दो मैचों में स्लो ओवर रेट का सामना नहीं करना पड़ा था। दिल्ली ने सीजन के पहले मैच में 6 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया था, जिसमें 4 तेज गेंदबाज और 2 स्पिनर थे। इन दो स्पिनर्स ने 20 में से 8 ओवर फेंके थे। वहीं, दूसरे मैच में भी दिल्ली की टीम ने 5 गेंदबाजों से ही गेंदबाजी करवाई थी। इस दौरान 12 ओवर तेज गेंदबाजों ने डाले थे और 8 ओवर स्पिनर्स ने। यानी जिन मैचों में दिल्ली ने स्पिनर्स का इस्तेमाल ज्यादा किया उन मैचों में उन्होंने समय से अपने ओवर पूरे किए।
ऋषभ पंत की बढ़ी टेंशन
स्लो ओवर रेट का खामियाजा सबसे ज्यादा टीम के कप्तान को भुगतना पड़ता है। सीजन में पहली बार ये गलती करने पर कप्तान पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। वहीं, दोबारा यही गलती करने पर कप्तान पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगता है। टीम के अन्य खिलाड़ियों पर भी 6 लाख रुपये या मैच फीस का 25% जुर्माना लगाया जाता है। वहीं, तीसरी बार यह गलती करने पर कप्तान पर 30 लाख रुपये के साथ एक मैच का बैन लगाया जाता है, इसके साथ ही टीम के बाकी खिलाड़ियों पर 12-12 लाख रुपये या उनकी मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया जाता है। दिल्ली की टीम दो बार तो ये गलती कर चुकी है, ऐसे में एक बार और अगर उसने ऐसा किया तो पंत पर 1 मैच का बैन भी लग सकता है।
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