क्रिकेट जगत के वो दिग्गज जिन्होंने खुद दी अपनी जान, एक ने तो 7 दिन पर ही की आत्महत्या
क्रिकेटर ग्राहम थोर्प का 5 अगस्त को निधन हो गया था। थोर्प की पत्नी ने खुलासा करते हुए बताया कि थोर्प ने खुद ही अपनी जान ले ली थी। वह इंग्लैंड की टीम के लिए कई इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं।
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज और सरे के दिग्गज क्रिकेटर ग्राहम थोर्प की मौत पर बड़ा खुलासा हुआ है। ग्राहम थोर्प का 5 अगस्त को निधन हो गया था। लेकिन अब थोर्प की पत्नी ने खुलासा करते हुए बताया कि थोर्प ने खुद ही अपनी जान ले ली थी। ग्राहम थोर्प की पत्नी अमांडा की पत्नी के मुताबिक, वह पिछले कुछ सालों से डिप्रेशन और चिंता से पीड़ित थे। लेकिन ये क्रिकेट जगत से जुड़ा पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी कई खिलाड़ी आत्महत्या कर चुके हैं।
डेविड बेयरस्टो
इंग्लैंड टीम के विकेटकीपर जॉनी बेयरस्टो के पिता डेविड बेयरस्टो का नाम इस लिस्ट में शामिल है। डेविड बेयरस्टो ने 1998 में 46 साल की उम्र में यॉर्कशायर में अपने घर में फांसी लगाकर दुखद रूप से अपनी जान ले ली थी। बता दें, जब डेविड बेयरस्टो ने सुसाइड किया था तो जॉनी बेयरस्टो 8 साल के ही थे। उस समय उनकी मां भी कैंसर से जूझ रही थी। डेविड ने अंतरराष्ट्रीय करियर में 4 टेस्ट और 21 वनडे खेले थे।
ऑब्रे फॉल्कनर
साउथ अफ्रीका के ऑब्रे फॉल्कनर ने भी आत्महत्या की थी। फॉल्कनर ने संन्यास लेने के बाद क्रिकेट स्कूल भी खोला था। स्कूल हालांकि ज्यादा अच्छी हालत में नहीं था। इसके कारण वह तनाव से भी गुजर रहे थे। माना जाता है कि इसी वजह से उन्होंने 10 सितंबर 1930 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। अपने क्रिकेट स्कूल के स्टोर रूम में उन्होंने आत्महत्या की थी। उन्होंने अपने देश के लिए 25 टेस्ट मैच खेले थे।
जिम बर्क
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जिम बर्क भी इस लिस्ट में एक बड़ा नाम हैं। जिम बर्क ने 54 साल की उम्र में दुखद रूप से आत्महत्या कर ली थी। इन्होंने 1951 और 1959 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए 24 टेस्ट मैच खेले थे। जिम बर्क ने जुए के बाजार में 153,000 डॉलर गंवा दिए, जिसके बाद उन्होंने सिडनी से एक शॉटगन खरीदी और खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
हेरोल्ड गिम्बलट
इंग्लिश क्रिकेट के इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले हेरोल्ड गिम्बलट ने भी आत्महत्या की थी। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 23,000 से ज्यादा रन बनाए, जिसमें 49 शतक शामिल हैं। हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर सिर्फ 3 टेस्ट मैचों तक ही सीमित रहा। संन्यास के बाद वह लंबे समय तक डिप्रेशन से जूझते रहे और 1978 में गिम्बलट ने प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के ओवरडोज से अपनी जान ले ली।
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