साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पांचवें और निर्णायक मुकाबले को काले बादलों के साए में खेला जाएगा। दोनों टीमों को बरसात के कारण बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में अपनी रणनीति में DLS मेथड के मुताबिक जरुरी बदलाव करने पड़ सकते हैं। भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला खास अहमियत रखता है, अब सिर्फ एक हार से प्रोटियाज के खिलाफ घर में पहली टी20 सीरीज जीत का सपना टूट सकता है। ऐसे में, जरुरी है कि भारत हर परिस्थिति की तैयारी करके मैदान में उतरे।
टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों पर जीत की बुनियाद का दारोमदार
बेंगलुरु में मैच के दौरान बरसात होने पर टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों का प्रदर्शन ज्यादा अहम हो जाएगा। सीरीज के पिछले चार मैचों की तरह इस बार भी अगर भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करती है, तो उन्हें तेज और बड़ा टोटल खड़ा करने पर खास जोर देना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ रिस्क भी लेना पड़े तो उससे पीछे नहीं हटना चाहिए। साउथ अफ्रीका को मुश्किल लक्ष्य देकर वे दूसरी पारी में DLS मेथड में आगे बने रह सकते हैं। वहीं, बाद में बल्लेबाजी करने पर टीम के टॉप ऑर्डर को तेज रफ्तार से रन बनाने होंगे लेकिन विकेट बचाकर भी रखना होगा। बारिश होने पर लागू होने वाले डकवर्थ लुइस नियम के तहत विकेट के गिरने पर बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम के बनाए रन की अहमियत कम हो जाती है।
बारिश से मैच में बाधा आने पर गेंदबाजों की जिम्मेदारी
अगर बेंगलुरु में बारिश के कारण ओवर घटाए जाते हैं या DLS मेथड अप्लाई होता है, तो गेंदबाजों को पहले बॉलिंग करते हुए चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच कंडिशन का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करनी होगी। सही लाइन लेंथ के साथ कसी हुई गेंदबाजी करके रनों को रोकना उनकी पहली ड्यूटी होगी। वहीं दूसरी पारी में विरोधी बल्लेबाज शुरू से ही हाथ खोलकर बड़े शॉट लगाने की कोशिश करेंगे, लिहाजा DLS मेथड अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए उन्हें विकेट चटकाने पर जोर देना होगा।
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