टीम इंडिया के लिए बड़ी राहत, यह आंकड़े कम कर देंगे कप्तान हार्दिक पांड्या की टेंशन
भारतीय टीम ने लॉडरहिल में इससे पहले कुल 6 मुकाबले खेले हैं। पिछले 7 साल से सेंट्रल ब्रोवर्ड के इस मैदान पर टीम इंडिया को हार नहीं मिली है।
भारत का वेस्टइंडीज दौरा अब अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। टेस्ट और वनडे सीरीज जीतने के बाद टी20 सीरीज में टीम इंडिया बुरी फंसी हुई है। पांच मैचों की इस सीरीज में पहले दो मुकाबले गंवाने के बाद तीसरे मैच में कुछ हद तक हार्दिक ब्रिगेड ने खुद को सीरीज में बरकरार रखा है, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है। सीरीज के आखिरी दो मुकाबले 12 और 13 अगस्त को फ्लोरिडा के लॉडरहिल में खेले जाने हैं। पर इससे पहले जो आंकड़े सामने आए हैं वो कुछ हद तक भारतीय कप्तान हार्दिक पांड्या की टेंशन को कम कर सकते हैं। टीम इंडिया शनिवार को इस मैदान पर 7वां मुकाबला खेलने उतरेगी।
7 साल से फ्लोरिडा में नहीं हारी टीम इंडिया
आपको बता दें कि भारतीय टीम ने पहली बार 2016 में फ्लोरिडा में टी20 इंटरनेशनल मुकाबला खेला था। उसके बाद कुल 6 मैच टीम इंडिया ने इस मैदान पर खेले। खास बात यह है कि 2016 में अपना पहला मैच इस मैदान पर हारने के बाद से कभी भी टीम इंडिया यहां नहीं हारी। 2016 में सीरीज का दूसरा मुकाबला बारिश के कारण बेनतीजा रहा था। उसके बाद 2019 और फिर 2022 में भारत ने 2-2 मैच यहां जीते और पिछले चार मैचों में अजेय रहने का रिकॉर्ड बनाया। टीम इंडिया ने सभी 6 टी20 मैच यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ ही खेले हैं। अब बारी है मौजूदा सीरीज की जहां हार्दिक ब्रिगेड पुराने रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेगी।
- पहला मैच- वेस्टइंडीज 1 रन से जीती (2016)
- दूसरा मैच- नो रिजल्ट (2016)
- तीसरा मैच- टीम इंडिया 4 विकेट से जीती (2019)
- चौथा मैच- टीम इंडिया 22 रनों से जीती (2019)
- पांचवां मैच- टीम इंडिया 59 रनों से जीती (2022)
- छठा मैच- टीम इंडिया 88 रनों से जीती (2022)
(यह सभी टी20 मुकाबले यहां खेले गए हैं)
अगर मौजूदा सीरीज की बात करें तो वेस्टइंडीज की इस टीम ने भारतीय टीम को अभी तक पूरी तरह हाथ खोलने नहीं दिए हैं। निकोलस पूरन, रोवमेन पॉवेल ने बल्लेबाजी में जोर दिखाया है। वहीं गेंदबाजी में ओबेड मैकॉय, अकील होसेन जैसे गेंदबाजों ने भारतीय टीम को खासा परेशान किया है। ऐसे में चौथा और पांचवां मुकाबला काफी रोमांचक हो सकता है। लॉडरहिल के सेंट्रल ब्रोवर्ड स्टेडियम की पिच के पुराने आंकड़ों पर जाएं तो यहां स्पिनर्स को ज्यादा मदद मिली है। ऐसे में भारतीय टीम अक्षर, कुलदीप और चहल के साथ ही जा सकती है। वहीं कैरेबियाई टीम में अकील होसेन का रोल अहम होने वाला है।