'बाउंड्री लगे या नहीं, मेरी मानसिकता...', डेब्यू में कहर बरपाने वाले नोएडा के लाल ने बताई अपनी प्लानिंग
IND vs SL: श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू मैच में चार विकेट लेने वाले शिवम मावी ने पॉवरप्ले में विकेट निकालने को अपना लक्ष्य बताया।
IND vs SL: भारत के तेज गेंदबाज शिवम मावी ने श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शानदार डेब्यू कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। 24 साल के मावी ने अपने पहले ही मैच में अपनी रफ्तार और धारदार गेंदबाजी की बदौलत न सिर्फ चार विकेट चटकाए बल्कि रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने टी20 डेब्यू में भारत के लिए तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अपने चयन को सही ठहराया। मावी ने शानदार प्रदर्शन के बाद अपनी तैयारी के बारे में बताया और साथ ही अपने भविष्य के लक्ष्य का भी खुलासा किया।
पावरप्ले में विकेट लेना मुख्य लक्ष्य
मावी ने देश का मुख्य गेंदबाज बनने का अपना इरादा साफ करते हुए कहा कि वह पावरप्ले में स्टंप्स को निशाना बनाकर जल्दी विकेट लेना चाहते हैं। तीन मैचों की टी20 श्रृंखला के पहले मैच में भारत की दो रन से जीत के बाद टीम के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने युवा मावी से पूछा कि जब कप्तान हार्दिक पंड्या ने उन्हें नई गेंद सौंपी तो उनके दिमाग में क्या चल रहा था। पिछले छह साल से भारत की सीनियर टीम में पदार्पण का इंतजार कर रहे नोएडा के इस क्रिकेटर ने कहा कि मेरा मुख्य एजेंडा पावरप्ले में आक्रमण करना था क्योंकि मैं हमेशा पगबाधा आउट करने की कोशिश करता हूं। बाउंड्री लगे या नहीं, मेरी मानसिकता विकेट लेने की होती है।
फिटनेस पर की कड़ी मेहनत
म्हाम्ब्रे ने अंडर-19 के दिनों से ही मावी की अपने काम के प्रति लगन, उनके 'मेहनती रवैये' और चोटों से वापसी करने तथा घरेलू सर्किट में खेलने के उनके संकल्प की भी सराहना की। मावी ने कहा कि अंडर-19 (2018 में विश्व कप) के बाद जब मैं आईपीएल में खेला तो मुझे चोटें लगीं लेकिन मैंने अपनी फिटनेस के स्तर को बेहतर करने का फैसला किया क्योंकि मैं अपने प्रदर्शन के बीच चोटिल हो रहा था। मैंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करने का फैसला किया और इसका मुझे इस मैच में फायदा मिला।
देश के लिए खेलना सपना साकार होने जैसा
मावी ने कहा कि भारत के लिए खेलने का मौका मिलना उनके लिए सपना साकार होने जैसा है। इस तेज गेंदबाज ने कहा कि पहले ही मैच में मौका मिलना मुश्किल होता है। साथ ही यह मेरा पहला दौरा भी है। आपने देखा होगा कि मौका मिलना आसान नहीं होता और मैं इस लम्हें का पिछले छह साल से इंतजार कर रहा था जब मैं अंडर-19 (विश्व कप) के बाद चोटिल हो गया था। लेकिन मुझे स्वयं पर विश्वास है और मैंने इस भरोसे के साथ कड़ी मेहनत जारी रखी कि मुझे भारत के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है।