साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में भारतीय टीम 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि मैच में भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपने में वापसी की और 85 रनों की पारी खेली। इससे पहले टेस्ट सीरीज में पंत शॉट सेलेक्शन पर कई तरह के सवाल उठे थे जिसे लेकर टीम मैनेमेंट ने भी उनसे बात की।
जोहानिसबर्ग में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलने के लिये कड़ी आलोचना हुई थी लेकिन केपटाउन में तीसरे टेस्ट में शतक और दूसरे वनडे में अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर 85 रन बनाने वाले पंत ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमेशा सकारात्मक बातें होती हैं कि एक खिलाड़ी के तौर पर मैं क्या कर सकता हूं। मेरे पास सभी स्ट्रोक हैं लेकिन मैं धैर्य के साथ और परिस्थितियों के अनुसार उन्हें कैसे खेल सकता हूं। इसलिए काफी चर्चा होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और हम जो भी चर्चा करते हैं, उसके अनुसार अभ्यास करते हैं और फिर मैच में उसे लागू करने की कोशिश करते हैं।’’ पंत को दूसरे वनडे में चौथे नंबर पर भेजा गया और वह टीम प्रबंधन की उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने कहा, ‘‘चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने का कारण यह था कि यदि बायें हाथ के बल्लेबाज को मध्यक्रम में मौका मिलता है तो फिर दायें और बायें हाथ के बल्लेबाज के संयोजन के साथ स्ट्राइक रोटेट करना आसान हो जाएगा, विशेषकर बीच के ओवरों में जब लेग स्पिनर या बायें हाथ के स्पिनर गेंदबाजी करते हैं।’’
पंत ने कहा, ‘‘इसलिए टीम मैनेजमेंट को लगा कि बायें हाथ के बल्लेबाज को बल्लेबाजी करनी चाहिए और इसलिए यह भूमिका मुझे सौंपी गयी।’’ इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने इसके साथ ही कहा कि टीम लगातार सुधार के लिये अपनी गलतियों से सीख ले रही है। उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के लिहाज से हम सही चल रहे हैं। हम अपनी गलतियों से सीख रहे हैं और हर दिन भारतीय क्रिकेट टीम के रूप में हम अपने खेल को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। ’’
पंत का मानना है कि शार्दुल ठाकुर की दोनों मैचों में बल्लेबाजी (नाबाद 50 और नाबाद 40 रन) टीम के लिये इस सीरीज में अब तक का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू रहा। उन्होंने कहा, ‘‘एक और सकारात्मक पहलू शार्दुल का निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी करना है। इसके अलावा वेंकी (वेंकटेश अय्यर) ने जिस तरह से गेंदबाजी की। उसने एक या दो ओवरों में रन लुटाये लेकिन इससे यह लगता है कि वह इस स्तर पर गेंदबाजी कर सकता है। इसलिए कई सकारात्मक पहलू रहे।’’
पंत ने स्वीकार किया कि दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों केशव महाराज, एडेन मार्कराम और तबरेज शम्सी ने दोनों मैच में भारतीय स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल से बेहतर गेंदबाजी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनकी (दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर) लाइन और लेंथ अच्छी थी और वे इन परिस्थितियों में खेलने के आदी हैं।’’ पंत ने इसके साथ ही कहा कि तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की फॉर्म चिंता का विषय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘एक टीम के रूप में हम लगातार सुधार करना चाहते हैं और मुझे नहीं लगता कि भुवी भाई की फॉर्म को लेकर बहुत चिंता है। हम लंबे समय के बाद एकदिवसीय मैच खेल रहे हैं, इसलिए लय हासिल कर रहे हैं। निश्चित तौर पर श्रृंखला गंवाना निराशाजनक है लेकिन हम अपनी गलतियों से सीख भी रहे हैं।’’
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