IND vs SA: अभी दीप्ति शर्मा की मानकडिंग से इंग्लिश क्रिकेट में लगी आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि भारत के सामने एक और मानकगिंड करने का मौका आ गया। फर्क बस इतना था कि इस दफा पिच पर भारत की पुरुषों की टीम थी। वजह जो भी रही हो पर कप्तान रोहित शर्मा की टीम के सूरमा दीपक चाहर ने इस मौके को भुनाया नहीं। उन्होंने गेंद वाली हाथ को स्टंप्स की ओर बढ़ाया और मुस्कुराकर गिल्लियां बिखेरे बगैर आगे बढ़ गए। खास बात ये कि इस घटना को अंजाम देते हुए उन्होंने नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज को क्रीज में खड़े रहने की वॉनिंग तक नहीं दी।
दीपक चाहर ने गंवाया मानकडिंग का मौका
साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के तीसरे टी20 मैच के 16वें ओवर में गेंदबाजी की जिम्मा दीपक चाहर के पास था। पहली गेंद डालने के लिए वह रनअप लेकर नॉन स्ट्राइक एंड तक पहुंचे। उनके बॉल रिलीज करने से पहले ट्रिस्टन स्टब्स क्रीज से बाहर निकल चुके थे। चाहर बॉल फेंकने से पहले ये देखकर रुक गए। उनके पास स्टब्स को मानकडिंग करने का भरपूर मौका था क्योंकि अफ्रीकी बल्लेबाज क्रीज से कम से कम चार कदम आगे निकल चुके थे। लेकिन दीपक चाहर ने दरियादिली दिखाई। उन्होंने बॉल को स्टंप पर नहीं मारा। चाहर ने स्टब्स को जीवनदान दे दिया।
आईसीसी नियम के मुताबिक कर सकते थे रन आउट
क्रिकेट के रुल बुक के हिसाब से वह स्टब्स को रन आउट कर सकते थे पर किया नहीं। ऐसी परिस्थितियों में इस तरह के फैसले के पीछे की मंशा को समझना भी आसान नहीं होता। यह चाहर का रिफ्लेक्स एक्शन था कि उन्होंने मानकडिंग नहीं की। आईसीसी के नियमों के मुताबिक रन आउट कर सकते थे पर उन्होंने तमाम विवादों से दूर रहते हुए स्टब्स को बस जाने दिया।
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