भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट मैच की सीरीज का दूसरा मैच 3 जनवरी से जोहान्सबर्ग में खेला जाना है। टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने इस टेस्ट में टीम इंडिया को प्लेइंग इलेवन में बदलाव ना करने की सलाह दी है। नेहरा का कहना है कि सेंचुरियन की तरह जोहान्सबर्ग की पिच भी गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होगी, अगर भारत अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव करता है तो उन्हें हैरानी होगी। सेंचुरियन टेस्ट में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 113 रनों से हराया था। अब विराट कोहली के नेतृत्व वाले भारत के पास दक्षिण अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का मौका है।
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पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की अनुपस्थिति से टीम प्रबंधन को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि वे वहीं प्लेइंग इलेवन के साथ जाएंगे जो सेंचुरियन में खेले थे।
नेहरा ने क्रिकबज पर कहा, "मुझे नहीं लगता कि वे बदलाव के बारे में ज्यादा सोच रहे होंगे। जोहानसबर्ग की पिच भी सेंचुरियन की तरह गति और उछाल भरी होगी। अगर रवींद्र जडेजा होते तो शायद वे शार्दुल ठाकुर के बजाय उसे मौका देने के बारे में सोचते या इन दोनों को मौका देते।"
उन्होंने कहा आगे कहा, "इसके अलावा वास्तव में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अजिंक्य रहाणे के साथ जाना चाहते हैं, जबकि तेज गेंदबाजों ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसलिए अगर भारत कोई भी बदलाव करता है तो मुझे बहुत आश्चर्य होगा।"
42 साल के नेहरा ने याद करते हुए कहा कि जिस तरह की पिच से सीम मूवमेंट मिलती है, वह अतीत में भारत के लिए मददगार रही है।
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उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भारत के लिए इस तरह की पिच हमेशा अधिक मददगार रही है। आप दक्षिण अफ्रीका में भारत की किसी भी जीत देखें तो वे ऐसी पिचों पर मिली है, जिन पर सीम मूवमेंट ज्यादा थी। जब भारत 2006 में जीता था, तो एस श्रीसंत ने पांच विकेट लिए, उस समय भी गेंद बहुत सीम हो रही थी।"
पूर्व तेज गेंदबाज को भी लगता है कि विकेटकीपर-बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक के संन्यास के बाद ही दक्षिण अफ्रीका की समस्या और बढ़ेगी।
(With IANS Inputs)
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