भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने चोट के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पांचवें मैच में शानदार वापसी की। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का तीसरा शतक बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर ठोका। साथ ही इस साल यह उनका दूसरा शतक है। इस पारी में जडेजा ने इस पारी में 146 रन बनाने वाले ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 222 रनों की पार्टनरशिप भी की थी। भारत के इन दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी की और 98 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद पारी को संभाला।
इससे पहले भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ दो बार ही ऐसा हुआ था कि एक पारी में दो बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने शतक जड़ा हो। आखिरी बार 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा हुआ था जब सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने शतक लगाए थे। सबसे पहली बार 1999 में एस. रमेश और सौरव गांगुली ने 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐसा किया था। अब तीसरी बार इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने यह कारनामा कर दिखाया। जडेजा का विदेशी सरजमीं पर भी यह पहला शतक है।
एक पारी में शतक लगाने वाले दो लेफ्ट हैंड बल्लेबाज (भारतीय)
- एस. रमेश (110) और सौरव गांगुली (125) बनाम न्यूजीलैंड, अहमदाबाद 1999
- सौरव गांगुली (239) और युवराज सिंह (169) बनाम पाकिस्तान, बेंगलुरू 2007
- ऋषभ पंत (146) और रवींद्र जडेजा (104) बनाम इंग्लैंड, बर्मिंघम 2022*
जडेजा ने लगाया साल का दूसरा शतक
रवींद्र जडेजा ने इस पारी में 194 गेंदों पर शानदार 104 रनों की पारी खेली। इस साल यह उनका दूसरा टेस्ट शतक था। उनके ओवरऑल करियर में उन्होंने अभी तक तीन टेस्ट शतक लगा लिए हैं। उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 175 रन नाबाद है जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। इस पारी के बाद जडेजा ने 60 टेस्ट मैचों की 88 पारियों में 2500 रन भी पूरे कर लिए हैं।
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वहीं भारत के लिए 7वें नंबर पर या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए एक साल में दो शतक लगाने वाले भी जडेजा चौथे खिलाड़ी बने। उनसे पहले कपिल देव (1986), एमएस धोनी (2009) और हरभजन सिंह (2010) में ऐसा कर चुके थे। भारतीय टीम उनके और ऋषभ पंत की पारी की बदौलत 416 रन तक पहुंची। आखिरी में कप्तान जसप्रीत बुमराह ने 16 गेंदों पर नाबाद 31 रन बनाए।
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