IND vs BAN: केएल राहुल के बेसिक्स में खलल, रणजी ट्रॉफी खेलने का आया वक्त!
IND vs BAN: केएल राहुल लगातार खराब फॉर्म और टेंपरामेंट से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम का कप्तान बनाया गया। वह यहां भी लगातार फेल हुए। संकेतों को समझें तो उनके बेसिक्स में कई दिक्कतें नजर आ रही हैं।
KL Rahul IND vs BAN: मीरपुर में जारी सीरीज के दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारत के सामने जीत के लिए 145 रन का लक्ष्य है। यह लक्ष्य बड़ा नहीं है पर तेजी से टूट रही घुमावदार पिच पर इसे छोटा भी नहीं माना जा सकता। कप्तान केएल राहुल इस चुनौती का सामना करने के लिए जब बतौर सलामी बल्लेबाज क्रीज पर आए तब उन्हें इसकी पूरी जानकारी थी। उन्हें पता रहा होगा कि इस पिच पर रन बनाने के लिए सॉलिड डिफेंस और तेज फुटवर्क की जरूरत होगी। उन्हें गिफ्टेड टैलेंट माना जाता है लिहाजा यह काम उनके लिए अपने जोड़ीदार युवा क्रिकेटर शुभमन गिल से आसान होना चाहिए था। लेकिन अपने टेंपरामेंट और माइंडसेट के चलते उन्होंने एक बार फिर से इन तमाम तर्कों को झुठला दिया।
दूसरी पारी में भी सबसे पहले आउट हुए राहुल
केएल राहुल लगातार हर पारी में भारतीय टीम की ओर से विरोधियों का पहला और सबसे आसान शिकार बन रहे हैं। मीरपुर टेस्ट में भी यही हुआ। वह पहली के बाद दूसरी पारी में भी आउट होने वाले टीम इंडिया के पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने पहली पारी में 45 गेंदें खेलकर सिर्फ 10 रन बनाए और 14वें ओवर में तैजुल इस्लाम की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। फैंस को उनसे बड़ी उम्मीद नहीं थी लिहाजा बात आई-गई, हो गई। लेकिन अंतिम पारी में मुश्किल पिच पर भारत के सामने 145 का लक्ष्य था। बल्लेबाजों से संवेदनशीलता के साथ खेलने की अपेक्षा लाजिमी थी। रेग्यूलर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाल रहे राहुल के लिए यह किसी अग्निपरीक्षा से गुजरने से कम नहीं था, लेकिन वह एकबार फिर नाकाम साबित हुए।
बांग्लादेश के खिलाफ भी फेल हुए राहुल
केएल राहुल ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत बतौर कप्तान की। उन्हें सबसे मजबूत स्तंभ के रूप में टीम में अपनी रसूख कायम करनी चाहिए थी। उनकी काबिलियत पर भले कोई शक ना हो पर उनके कार्य एकबार फिर से सवालों के घेरे में आ गए। भारतीय कप्तान इस सीरीज में अपनी टीम पर सबसे बड़े बोझ बन गए। उन्होंने 2 टेस्ट की 4 पारियों में कुल जमा 57 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 33.92 का रहा। वह टीम की मदद करने से ज्यादा अपनी जगह सुरक्षित करते नजर आ रहे हैं।
घरेलू क्रिकेट खेलने से होगा फायदा
क्रिकेट का सामान्य सा नियम है, बेहतर परफॉर्मेंस के लिए खिलाड़ी के बेसिक्स ठीक होने चाहिए। यही नियम केएल राहुल पर भी लागू होना चाहिए। वह हाई कंपिटीशन के युग में भारतीय टीम में रहकर इंटरनेशनल मुकाबलों में अपने बेसिक्स को दुरुस्त नहीं कर सकते। यह मुश्किल काम है और इन्हें इसकी छूट भी नहीं मिलनी चाहिए। पिछले कुछ अरसों में चेतेश्वर पुजारा ने भी अपनी कमजोरियों को दुरुस्त करने के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट का सहारा लिया, जिसका उन्हें खूब फायदा भी मिला। अभी रणजी सीजन की शुरुआत हुई है। केएल राहुल घरेलू क्रिकेट में हाथ आजमाएं तो उन्हें कहीं ज्यादा फायदा मिलेगा। इससे कर्नाटक टीम और राहुल, दोनों को मजबूती मिलेगी।