IND vs AUS: धर्मशाला नहीं अब यहां खेला जाएगा तीसरा टेस्ट, BCCI ने लिया बड़ा फैसला
IND vs AUS 3rd Test Venue: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट अब धर्मशाला में नहीं होगा। बल्कि बीसीसीआई ने नए वेन्यू पर अब अंतिम फैसला ले लिया है।
IND vs AUS 3rd Test Venue: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में तीसरा टेस्ट 1 से 5 मार्च तक खेला जाएगा। यह टेस्ट पहले धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) स्टेडियम में होना था। लेकिन कुछ तैयारियां पूरी नहीं हो पाने के कारण इस मैच को यहां से शिफ्ट करने का निर्णय बोर्ड ने पहले ही ले लिया था। वहीं अब बीसीसीआई ने इस टेस्ट मैच को धर्मशाला की जगह इंदोर के होल्कर स्टेडियम में करवाने का फैसला लिया है।
बीसीसीआई ने सोमवार सुबह इस पर अंतिम फैसला लेते हुए अपनी प्रेस रिलीज जारी की है। इसमें बताया गया है कि, धर्मशाला में ठंड के कारण आउटफील्ड में घास की कमी है। इस कारण मैच को करवाने में समस्या हो सकती है। वहीं मैच के समय तक प्रॉपर घास आने की संभावना भी नहीं थी। यही कारण है कि अब तीसरे टेस्ट को धर्मशाला से शिफ्ट कर इंदोर में करवाने का फैसला लिया गया है।
इंदोर का कैसा है रिकॉर्ड?
अब अगर इंदोर के टेस्ट रिकॉर्ड की बात करें तो इस मैदान पर यह तीसरा टेस्ट मैच होगा। इससे पहले होल्कर स्टेडियम में दो टेस्ट मैच खेले गए हैं और दोनों में भारतीय टीम ने बड़ी जीत दर्ज की है। पहली बार यहां अक्टूबर 2016 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच हुआ था जिसे टीम इंडिया ने 321 रनों से जीत लिया था। इसके बाद आखिरी बार यहां नवंबर 2019 में टेस्ट मैच खेला गया था जिसमें भारत ने बांग्लादेश को पारी और 130 रनों से करारी शिकस्त दी थी। अब तकरीबन 3 साल और 3 महीनों के बाद यहां फिर से टेस्ट क्रिकेट होने जा रहा है।
सीरीज का अपडेटेड शेड्यूल- दूसरा टेस्ट- 17 से 21 फरवरी, दिल्ली
- तीसरा टेस्ट- 1 से 5 मार्च, इंदोर
- चौथा टेस्ट- 9 से 13 मार्च, अहमदाबाद
नागपुर टेस्ट में कंगारू टीम को भारत के हाथों पारी और 132 रनों से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। अब बारी है दिल्ली टेस्ट की जहां का स्पिन ट्रैक मशहूर है। वहीं तीसरा टेस्ट होना है इंदोर में जहां टीम इंडिया पहले ही दो बड़ी जीत दर्ज कर चुकी है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। धर्मशाला की पिच तेज गेंदबाजों की मददगार मानी जाती है तो एकमात्र खुशी का जरिया भी कंगारू टीम से अब छिन गया है।