IND vs AUS: ऐतिहासिक मोड़ पर खड़े चेतेश्वर पुजारा, खास बदलावों के साथ आएंगे नजर
टीम इंडिया के नंबर तीन बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अपने लगभग 13 साल लंबे करियर में कई ऊंचाइयों को छुआ, तो कुछ मौकों पर उन्हें टीम से अलग भी होना पड़ा। इन तमाम सरगर्मियों के बीच पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट से पहले एक ऐतिहासिक दहलीज पर खड़े हैं।
चेतेश्वर पुजारा पिछले एक दशक से ज्यादा लंबे अरसे से भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक्टिव हैं। मजबूत डिफेंस से लैस उनकी बल्लेबाजी के चलते उन्हें टीम की नई दीवार माना गया। हालांकि इसी मजबूती ने पिछले पांच सालों में उन्हें कुछ मौकों पर हाशिए पर भी पहुंचाया, जब उनकी सुस्त रफ्तार बल्लेबाजी ने उन्हें टीम से अलग होने पर मजबूर कर दिया। इन तमाम सरगर्मियों के बीच टीम इंडिया के नंबर तीन बल्लेबाज पुजारा आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़े हैं। वह दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे। बेशक, वह भारतीय क्रिकेट के लीजेंड हैं लेकिन उन्हें पता है कि तेजी से बदलते क्रिकेट में प्रासंगिक बने रहने के लिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।
पुजारा को पिछले साल टीम से होना पड़ा था बाहर
पुजारा ने गुरूवार को कहा कि वह टेस्ट में मौजू बने रहने के लिए बल्लेबाजी में लचीलापन लाने की जरूरत को समझ चुके हैं। 100वें टेस्ट की दहलीज पर खड़े पुजारा ने टीम मैनेजमेंट के साथ चर्चा के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नए शॉट जोड़े हैं। पिछले साल पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान भारतीय टीम से कुछ समय के लिए ड्रॉप कर दिया गया था। तब दावा किया गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था।
पूरा खेल बदलना संभव नहीं- पुजारा
आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट के प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन मुश्किलों के बारे में पूछने पर पुजारा ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है। मैं जानता हूं कि मैंने जो कुछ किया है, उससे शुरुआती पांच-सात सालों में सफलता मिली और मैं अपना खेल नहीं बदल सकता, लेकिन निश्चित रूप से आप अपने खेल में सुधार कर सकते हो और अपने खेल में कुछ चीजें जोड़ सकते हो। लेकिन आप अपना पूरा खेल नहीं बदल सकते।’’
पुजारा अभी तक 19 शतक और 7000 से ज्यादा रन बना चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी की शैली अलग होती है। इतने वर्षों में मैंने जो सीखा है, वो अपनी मजबूती पर अडिग बने रहना है और आपको इसका समर्थन करना चाहिए। मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है।’’
तकनीक में बदलाव के लिए तैयार पुजारा
बता दें कि पिछले साल भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद वह इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए और ससेक्स के लिये काफी रन बनाए। वह वापसी करते हुए टीम इंडिया का हिस्सा बने और 100 टेस्ट खेलने वाले 13वें भारतीय बनने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले ही राहुल भाई (द्रविड़) और विक्की पाजी (विक्रम राठौर) से बात कर ली थी। मैं हालांकि टीम से बाहर था, मुझे साफ पता था कि कुछ चीजें हैं जिन पर मुझे काम करना है और फिर भारत के लिए खेलने का मौका मिल जाएगा।’’
पुजारा ने आगे कहा, ‘‘बतौर क्रिकेटर मैं व्हाइट बॉल क्रिकेट खेला। इससे मुझे सौराष्ट्र और ससेक्स की ओर से खेलने में मदद मिली जिसमें मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप शॉट्स खेलने की कोशिश की और पैडल स्कूप भी खेला। मैं इन शॉट्स को टेस्ट में लगाना चाहता था। इससे मुझे बांग्लादेश के खिलाफ पिछली सीरीज में भी मदद मिली है। मैं अब थोड़ा अधिक खुले विचारों वाला बन गया हूं और बदलावों को लेकर लचीला होने के साथ तकनीक में बदलाव के लिए तैयार हूं।’’