IND vs AUS: टीम इंडिया के लिए कहीं उलटा न पड़ जाए यह दांव! कई पूर्व क्रिकेटरों ने दी खास सलाह
IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 9 फरवरी से 13 मार्च तक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आयोजन होगा। इसमें चार टेस्ट मैच क्रमश: नागपुर, दिल्ली, धर्मशाला और अहमदाबाद में खेले जाएंगे।
IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 9 फरवरी से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 का आगाज होने जा रहा है। नागपुर में होने वाले पहले टेस्ट से पूर्व लगातार स्पिन गेंदबाजी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तो बेंगलुरू में जम्मू-कश्मीर के आबिद मुश्ताक और बड़ौदा के महेश पिथिया के साथ अक्षर पटेल और अश्विन जैसे गेंदबाजों से निपटने की खास तैयारी की। वहीं नागपुर टेस्ट से पहले पिच के मिजाज को लेकर भी कई चर्चाएं हो रही हैं। इसी बीच भारत के कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि कहीं स्पिन पिच के अपने दांव में टीम इंडिया खुद ना फंस जाए।
पूर्व चयनकर्ताओं और विशेषज्ञों को लगता है कि मौजूदा भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप तेज गेंदबाजों के आगे ज्यादा सहज रहती है बल्कि स्पिनरों और स्लो गेंदबाजों के आगे उन्हें समस्याएं होती हैं। एक समय ऐसा भी था जब भारतीयों को स्पिन खेलने का महारथी माना जाता था लेकिन हाल के वर्षों में टीम तेज गेंदबाजी के खिलाफ सहज खेलती है जबकि धीमी गेंदबाजी के खिलाफ जूझती दिखती है। अगर पिछले दो-तीन वर्षों में किसी संघर्ष भरी पिच पर किसी की बेहतरीन पारी देखी जाए तो वह मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा की तकनीकी रूप से परफेक्ट 161 रन की पारी होगी जो उन्होंने चेपॉक की खराब पिच पर खेली थी जबकि अन्य शीर्ष क्रम बल्लेबाज जूझते दिखे थे।
स्पिनर्स के खिलाफ टीम इंडिया का हालिया प्रदर्शन खस्ताहाल
मेहदी हसन मिराज, शाकिब अल हसन और ताईजुल इस्लाम जैसे आक्रमण ने पिछले महीने दिसंबर 2022 में मीरपुर में दूसरे टेस्ट में भारत की हालत खराब कर दी थी लेकिन बाद में रविचंद्रन अश्विन और श्रेयस अय्यर ने उसे वापसी कराई। यही कारण है कि पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि ज्यादा टर्निंग पिच बनाने के चक्कर में खुद टीम इंडिया ही ना फंस जाए। इसे लेकर पूर्व स्पिनर और कमेंटेटर मुरली कार्तिक ने कहा कि, सपाट पिच पर स्पिनरों को खेलना समस्या नहीं है। हमें स्वीकार करना होगा कि हमारे बल्लेबाज उछाल लेती पिचों पर स्पिन गेंदबाजी को खेलते हुए जूझते हैं। मैं नहीं जानता कि किस तरह की पिच दी जाएगी लेकिन उछाल लेती पिच का दांव उलटा पड़ सकता है।
यह पूछने पर कि कुलदीप यादव और अक्षर पटेल में से कौन भारत के लिए तीसरा स्पिनर होना चाहिए तो उन्होंने कहा कि यह पिच पर निर्भर करेगा। सपाट पिच पर कुलदीप अच्छा विकल्प हैं। अगर यह दूसरे दिन के बाद से उछाल लेना शुरू करेगी तो अक्षर खेल सकते हैं। लेकिन तीसरे स्पिनर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता क्योंकि आप अपने दो मुख्य स्पिनरों से ही अच्छा करने की उम्मीद करते हो। वहीं पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता जतिन परांजपे ने कहा कि, उन्हें भी लगता है कि भारत उछाल वाली पिच बनाकर अपने लिए कुआं नहीं खोदेगा लेकिन उन्हें लगता है कि दूसरे दिन से टर्न लेने वाली पिच अच्छी रहेगी।
कंगारू स्पिनर्स से रहना होगा सावधान
ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो उसके पास नाथन लायन जैसा स्टार स्पिनर है। उनका भारत के खिलाफ रिकॉर्ड भी अच्छा है। वह भारत के खिलाफ टेस्ट की 41 पारियों में 94 विकेट ले चुके हैं। ऐसे में उनसे भारतीय टीम को बचना होगा। उधर एश्टन एगर भी टीम इंडिया के लिए खतरा बन सकते हैं। एडम जाम्पा के बिना आई कंगारू टीम के सामने विराट कोहली को सावधान रहना होगा। विराट को हाल के दिनों में ताईजुल इस्लाम से लेकर मिचेल सैंटनर तक सभी ने परेशान किया है। वहीं चेतेश्वर पुजारा को भी ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स के आगे सावधान रहना होगा। ऐसे में दोनों टीमों के बीच होने वाली आगामी सीरीज में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।