Impact Player : CSK और GT की सफलता राज, आईपीएल के इस नए नियम में छिपा है!
Impact Player : आईपीएल टीमों ने इस साल इम्पैक्ट प्लेयर रूल का खूब फायदा उठाया और मैच भी जीतने में सफलता हासिल की है।
Impact Player CSK vs GT : आईपीएल 2023 के लीग चरण का जब समापन हुआ तो नंबर एक पर आईपीएल की मौजूदा चैंपियन गुजरात टाइटंस थी और नंबर दो पर चार बार की खिताब विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स। हार्दिक पांड्या की कप्तानी वाली गुजरात टाइटंस का आईपीएल में अभी केवल दूसरा ही सीजन है, लेकिन टीम ने जो छाप छोड़ी है, वो किसी से भी छिपी नहीं है। वहीं सीएसके के लिए पिछला सीजन भले बहुत खराब गया हो, लेकिन टीम ने जिस तरह का कम बैक किया है, वैसा कोई चैंपियन टीम ही कर सकती है। लेकिन सवाल ये है कि इस बार के आईपीएल में सीएसके और जीटी की सफलता का राज क्या है। ऐसा क्या हुआ जो बाकी टीमें नहीं कर पाईं और इन दो टीमों ने कर दिखाया। इसकी वजह अगर टटोलेंगे तो ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है। आईपीएल के एक नियम से पता चल जाएगा कि आखिर क्या हुआ है। ये है इसी साल लागू हुआ इम्पैक्ट प्लेयर रूल।
इम्पैक्ट प्लेयर रूल का जीटी और सीएसके ने किया बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल
आईपीएल 2023 में बीसीसीआई ने एक नया नियम लागू किया, जिसे इम्पैक्ट प्लेयर रूल कहा गया। इसके तहत टॉस के बाद दोनों टीमों के कप्तान अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर सकते हैं, साथ ही चार ऐसे प्लेयर्स की लिस्ट भी सौंपेंगी, जिन्हें सब्टीट्यूट के तहत रखा गया है। सब्टीट्यूटी खिलाड़ी का मतलब ये हुआ कि उनमें से कोई भी एक खिलाड़ी किसी भी वक्त खेलने के लिए बुलाया जा सकता है। साथ ही प्लेइंग इलेवन से एक खिलाड़ी बाहर हो जाएगा। जब ये नियम लागू हुआ तो इसको लेकर खूब बातें हुईं। कहा गया कि इस नियम से तो पूरा का पूरा मैच ही पलट जाएगा। टीमें इसका खूब फायदा उठाएंगी। हुआ भी ऐसा ही। लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स और जीटी ने कुछ और ही किया। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस इम्पैक्ट प्लेयर रूल का सबसे कम इस्तेमाल इन्हीं दो टीमों ने किया है। अगर लीग चरण तक खेले गए 14 मैचों की बात की जाए तो एमएस धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने नौ बार अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया, यानी प्लेइंग इलेवन के किसी भी खिलाड़ी को बदला नहीं गया। यानी टीम ने 14 में से केवल पांच ही बार इसका इस्तेमाल किया है। वहीं गुजरात टाइटंस ने चार बार ही बदलाव की जरूरत समझी और किया भी। मजे की बात ये है कि इस साल आईपीएल खेल रही दस में से पांच टीमें ऐसी भी थीं, जिन्होंने हर बार यानी हर मैच में अपनी प्लेइंग इलेवन के किसी न किसी खिलाड़ी को बाहर किया और दूसरे खिलाड़ी को लेकर आईं। उन टीमों का हाल क्या है, आपके सामने है, कम से कम वे नंबर एक और दो पर तो नहीं ही हैं।
एमएस धोनी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं हार्दिक पांड्या
एमएस धोनी को जो लोग फॉलो करते हैं, वे जानते हैं कि वे अपनी प्लेइंग इलेवन में बहुत कम बदलाव करते हैं। अगर टीम जीत के रास्ते पर चल रही है और बिना जरूरत के वे लगातार एक ही प्लेइंग इलेवन के साथ खेलने के लिए जाने जाते हैं। जब धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे, तब भी ऐसा ही करते थे। माना जाता है कि सीएसके और एमआई ऐसी टीमें हैं, जो 14 से 15 प्लेयर्स में ही पूरा आईपीएल निकाल देती हैं और बाकी खिलाड़ी बैठे ही रह जाते हैं। अब कुछ हद तक माना जा सकता है कि उसी फार्मूले पर गुजरात टाइटंस और हार्दिक पांड्या भी चल रहे हैं। वैसे तो पिछले ही साल लखनऊ सुपरजायंट्स ने भी डेब्यू किया था। टीम पिछले साल भी प्लेऑफ में पहुंची थी और इस साल भी क्वालीफाई किया है, लेकिन एलएसजी की टीम ने दो में से किसी भी साल नंबर एक और नंबर दो होकर प्लेऑफ में एंट्री नहीं की है। इससे जीटी और एलएसजी के फर्क को समझा जा सकता है।