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ICC ने बदल दिया क्रिकेट का ये नियम, पहले फील्डिंग टीम को मिलता था इसका लाभ

आईसीसी ने नए साल की शुरुआत होने के साथ प्लेइंग कंडीशन को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है, जिसमें यदि अब फील्डिंग टीम स्टंपिंग की अपील करती है तो वह तीसरे अंपायर के पास जाने पर वह भी सिर्फ इसी को लेकर देखेगा। ये नया नियम भारत और साउथ अफ्रीका के बीच केप टाउन के मैदान पर खेले जाने वाले मैच से लागू हो गया है।

India vs South Africa- India TV Hindi Image Source : GETTY भारत बनाम साउथ अफ्रीका

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के खेल के नियमों में पिछले महीने कुछ बड़े बदलाव किए थे, लेकिन उनको लेकर आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया, हालांकि ये सभी नियम नए साल 2024 की शुरुआत होने के साथ लागू हो चुकी हैं। ये सभी नियम 3 जनवरी से भारत बनाम साउथ अफ्रीका के साथ ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच में भी लागू हैं। इन नए प्लेइंग कंडीशन नियमों में बदलाव को लेकर पिछले काफी समय से कई खिलाड़ियों ने इसको लेकर कहा था वहीं पूर्व खिलाड़ी भी अक्सर इन नियमों में खामियों को सुधारने की बात करते थे, जिसके बाद अब आईसीसी ने इसमें बदलाव के साथ इनको लागू कर दिया है।

स्टंपिंग की अपील पर अब कॉट-बिहाइंड नहीं चेक किया जाएगा

ये एक ऐसा नियम था, जिसकी वजह से कई बार फील्डिंग टीम मैच के दौरान अपना डीआरएस बचाने के प्रयास से इसका लाभ उठाती थी। इस नियम में पहले यदि फील्डिंग के दौरान कोई टीम किसी बल्लेबाज के खिलाफ स्टंपिंग की अपील करती थी, तो यदि मामला तीसरे अंपायर के पास जाता था तो ऐसे में स्टंपिंग के अलावा कॉट-बिहाइंड को भी चेक किया जाता था, जिसको लेकर कई बार पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी आपत्ति जताई थी। वहीं क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार अब आईसीसी के नए प्लेइंग कंडीशन नियम के अनुसार यदि स्टंपिंग को लेकर कोई टीम अपील करती है तो ऐसे में तीसरे अंपायर के पास जाने पर वह भी सिर्फ साइड-ऑन रिप्ले को देखकर इसे ही चेक करेगा। इसके अलावा यदि फील्डिंग टीम को कॉट-बिहाइंड की अपील करनी है तो उन्हें फिर डीआरएस लेना पड़ेगा।

इन नियमों में किया गया बदलाव

आईसीसी ने इसके अलावा अब ऑन फील्ड इंजरी के दौरान खेल को रोके जाने की समयसीमा भी निर्धारित कर दी है, जिसमें किसी खिलाड़ी के मैदान पर चोटिल होने पर खेल सिर्फ 4 मिनट तक ही रोका जा सकता है। वहीं इसके अलावा अब तीसरे अंपायर के पास फ्रंट फुट के अलावा अन्य सभी तरह की नो-बॉल की जांच करने का अधिकार होगा। वहीं यदि कंकशन की वजह से किसी गेंदबाज की जगह पर कोई खिलाड़ी उसे मैच में रिप्लेस करता है तो यदि कंकशन से पहले उस गेंदबाज को अंपायर द्वारा बॉलिंग से सस्पेंड किया गया है तो रिप्लेस करने वाला खिलाड़ी भी गेंदबाजी नहीं कर सकेगा।

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