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Hindi News खेल क्रिकेट मैंने क्रिकेट में मुश्किल दिनों को कोचिंग के लिए एक अवसर की तरह देखा- आर श्रीधर

मैंने क्रिकेट में मुश्किल दिनों को कोचिंग के लिए एक अवसर की तरह देखा- आर श्रीधर

श्रीधर ने कहा, "कोचिंग के अवसर से मेरा मतलब खिलाड़ियों को समझने, उनके साथ अच्छे संबंध बनाने, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से प्रशिक्षित करने का अवसर देने के बारे में है।"

<p>I Looked at Bad Days as “Great Coaching...- India TV Hindi Image Source : TWITTER I Looked at Bad Days as “Great Coaching Opportunity”: Former India Fielding Coach R Sridhar

पूर्व भारतीय फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बिताए सात वर्षों को 'अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल' करार देते हुए कहा कि कोचिंग के दौरान टीम का 'बुरा प्रदर्शन' वास्तव में 'कोचिंग के लिए अद्भुत अवसर' होता है। श्रीधर रवि शास्त्री की अध्यक्षता वाली भारतीय टीम इंडिया के कोचिंग प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा थे।

टीम के क्षेत्ररक्षण स्तर को सुधार करने में अहम भूमिका निभाने वाले कोच ने एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन पर ऑलआउट) और लीड्स (78 रन पर ऑल आउट) में खराब प्रदर्शन के बारे में कहा, "यह सीखने का शानदार मौका था।  कोच के रूप में मेरे लिए खराब दिन कोचिंग का शानदार अवसर होता है।"

उन्होंने कहा, "कोचिंग के अवसर से मेरा मतलब खिलाड़ियों को समझने, उनके साथ अच्छे संबंध बनाने, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से प्रशिक्षित करने का अवसर देने के बारे में है। इससे आपको खिलाड़ी और टीम के बारे में पता चलता है। मूल रूप से बुरे दिनों का आपका बर्ताव आपके व्यक्तित्व को बताता है।"

श्रीधर से जब पूछा गया कि क्या उनके तत्कालीन मुख्य कोच रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरुण से मतभेद होते थे तो उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ नतीजे या फैसले के लिए मतभेद होना जरूरी है। सात साल तक भारतीय टीम के क्षेत्ररक्षण कोच रहे इस खिलाड़ी ने कहा, "मेरा मानना है कि सर्वश्रेष्ठ निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सभी कोच के बीच मतभेद होना जरूरी है। हमारे बीच हमेशा मतभेद होते थे चाहे वह मैं, रवि भाई (शास्त्री), भरत सर, हो या पहले संजय (बांगड़) और फिर बाद में विक्रम (राठौड़)। लेकिन हम सभी एक ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे थे। इसमें कई बार दो लोग सहमत होते है, कई बार ऐसा नहीं होता है। हम मुद्दे के अलग-अलग दृष्टिकोण पर बातचीत के बाद वही निर्णय लेते हैं जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें ऐसा कभी नहीं लगा कि हमारे विचारों को खारिज कर दिया गया है।"

उन्होंने मुख्य कोच शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा, "रवि भाई (शास्त्री) को आप कभी भी खेल से जुड़े सुझाव दे सकते है और वह उसे खारिज नहीं करेंगे। उनमें नेतृत्व गुण और मानव प्रबंधन का शानदार कौशल है। उनमें टीम के हित में बोर्ड से कोई भी फैसला करवा लेने की क्षमता है। उनका कद बहुत बड़ा था और वह खिलाड़ियों की मानसिकता अच्छे से समझते थे।"

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टीम के बड़े खिलाड़ियों से सामंजस्य बैठाने के बारे में उन्होंने कहा, "मेरे लिए सभी खिलाड़ी एक जैसे हैं। हमारे किसी भी खिलाड़ी में अहंकार नहीं है और वे सरल, जमीन से जुड़े इंसान हैं। अगर आप उनसे संवाद करते है तो कोई समस्या नहीं होगी। वे सुझावों का स्वागत करते है और खेल की रणनीति के बारे में बातचीत करना चाहते हैं।"

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