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Hindi News खेल क्रिकेट स्मार्ट वर्क कर टीम इंडिया में कैसे बनाई जगह, Surya ने संघर्ष वाले दिनों को किया याद

स्मार्ट वर्क कर टीम इंडिया में कैसे बनाई जगह, Surya ने संघर्ष वाले दिनों को किया याद

सूर्यकुमार यादव ने मार्च 2021 में भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया था। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में अर्धशतक लगाकर सभी को इम्प्रेस किया था।

Suryakumar Yadav- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES सूर्यकुमार यादव

टी20 वर्ल्ड कप में सूर्यकुमार यादव भारतीय टीम का अहम हिस्सा है। वह भारतीय प्लेइंग 11 के परमानेंट सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने पिछले कुछ समय में बेहतरीन क्रिकेट खेला है। मौजूदा समय में वह टी20 रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं। हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ हुए हाई वोल्टेज मैच में उनका बल्ला नहीं चल सका लेकिन फैंस को उनसे बेहद उम्मीदें हैं।  

भारतीय टीम में चयन के लिए लंबा इंतजार करने वाले सूर्यकुमार यादव ने चयनकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अपने खेल में कुछ बदलाव किया तथा अपने ‘हार्ड वर्क’ को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदला। इस 32 वर्षीय बल्लेबाज ने अपने अभ्यास के तरीके में बदलाव किया, अपने भोजन पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की। 

ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए सूर्यकुमार ने कहा कि,‘‘ मेरी पत्नी देविशा और मैंने 2017-18 में इस पर मनन किया और कुछ स्मार्ट वर्क करने का फैसला किया। आप कड़ी मेहनत करते हो जिसके दम पर आप आगे बढ़ते हो लेकिन हमने कुछ अलग करने का फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अलग तरह से अभ्यास करना शुरू किया। मुझे 2018 के बाद एहसास हुआ कि मुझे अपने खेल पर काम करने की जरूरत है। मैंने ऑफ साइड की तरफ अधिक शॉट खेलने शुरू किए।’’ सूर्यकुमार ने कहा कि, ‘‘मैंने भोजन पर ध्यान दिया और कम भोजन करना शुरू कर दिया। मैंने कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सत्र में मदद मिली। इसके बाद 2020 में मेरा शरीर पूरी तरह से बदल गया था।’’ 

सूर्यकुमार ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर को शुरू करने के 11 सालों के बाद इंग्लैंड के खिलाफ मार्च 2021 में टी20 इंटरनेशनल मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। सूर्यकुमार ने यह भी कहा कि वह पहले बिना सोचे समझे प्रैक्टिस कर रहे थे और निराश हो रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने प्रैक्टिस के तरीकों में बदलाव किया। 

सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘इसमें समय लगा। हमें यह जानने में डेढ़ साल लग गए कि मुझे किन चीजों से मदद मिलेगी और मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं। इसके बाद हम दोनों को एहसास हुआ कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और फिर सब कुछ ठीक होने लगा। मैं जानता था कि मुझे क्या करना है, कैसे और कितना अभ्यास करना है।’’ उन्होंने कहा, इससे पहले मैं केवल अभ्यास कर रहा था और फिर थोड़ा निराश हो जाता था। तब मुझे महसूस हुआ इस तरह के अभ्यास में किसी तरह की गुणवत्ता नहीं है जबकि मैं बहुत अधिक अभ्यास कर रहा हूं। लेकिन 2018 के बाद मेरे अभ्यास, भोजन, नेट सत्र और हर चीज में गुणवत्ता जुड़ गई जिससे मुझे काफी मदद मिली।’’

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