अचूक यॉर्कर, जादुई स्विंग, खतरनाक बाउंसर...जसप्रीत बुमराह कैसे बने भारत के ब्रह्मास्त्र?
जसप्रीत बुमराह ने पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया है। वह टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर बनकर उभरे हैं और उनकी यॉर्कर गेंदों का कोई भी सानी नहीं है।
मुंबई का ऐतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम उस दिन खचाखच भरा था। जितने फैंस स्टेडियम में थे, उससे कई गुना बाहर खड़े थे। मरीन ड्राइव पर फैंस का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। नरीमन प्वाइंट से लेकर वानखेड़े स्टेडियम तक के रास्ते में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। मौका भी कुछ ऐसा ही था। अपनी टीम इंडिया 17 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर घर लौटी थी। टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी विक्ट्री परेड के बाद वानखेड़े स्टेडियम में इकट्ठा हुए। इस दौरान विराट कोहली ने एक खिलाड़ी का खास तौर पर जिक्र किया और उसे दुनिया का 8वां अजूबा करार दिया। साथ ही उसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की बड़ी मांग भी कर डाली। फैंस ने भी कोहली की हां में हां मिलाते हुए जोर-जोर से उस खिलाड़ी का नाम चिल्लाना शुरू किया और पूरा स्टेडियम बुमराह-बुमराह के नारों से गूंज उठा।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई गेंदबाज आए और गए लेकिन जो मुकाम जसप्रीत बुमराह ने छोटे से करियर में हासिल किया है, वो किसी फिल्म की पटकथा सी लगती है। अहमदाबाद की गलियों से निकलकर क्रिकेट की दुनिया पर छा जाने वाले जसप्रीत बुमराह क्रिकेट के सबसे बड़े नायक बनकर उभरे हैं। टीम इंडिया और उसके फैंस के लिए भरोसे का दूसरा नाम बन चुके हैं। जब भी टीम इंडिया संकट में होती है तो जुबां पर पहला नाम जसप्रीत बुमराह का आता है। बुमराह टीम इंडिया के लिए एक ऐसा ब्रह्मास्त्र बन चुके हैं जिसका जवाब किसी भी विरोधी टीम के पास नहीं है। आंकड़ें भी इस बात की गवाही साफ-साफ देते हैं।
IPL से मिली पहचान
साल 2013 में मुंबई इंडियंस की ओर से पहली बार IPL खेलने वाले बुमराह का डेब्यू भी कमाल का रहा। अपने पहले ही मैच में बुमराह ने विराट कोहली का विकेट समेत कुल 3 विकेट चटकाए। अगले 3 साल में वह टीम इंडिया का हिस्सा बन चुके थे। जनवरी 2016 में वनडे और फिर T20I डेब्यू करने के बाद बुमराह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और देखते ही देखते वह तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के सबसे तेज गेंदबाज के तौर स्थापित हो चुके थे।
बुमराह का टेस्ट डेब्यू ऐसे देश में हुआ जहां टीम इंडिया आज तक टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है। जनवरी 2018 में साउथ अफ्रीका दौरे पर पहली बार बुमराह को टीम इंडिया की ओर से टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और पहली ही सीरीज में 3 मैचों में 14 विकेट लेकर मोहम्मद शमी के बाद दूसरे सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे। इसके बाद बुमराह ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की उस साल 9 टेस्ट मैचों में 48 विकेट लेकर नया इतिहास ही रच दिया। बुमराह डेब्यू साल में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने। उन्होंने दिलीप दोषी के 40 विकटों का रिकॉर्ड मीलों पीछे छोड़ दिया।
विदेशी धरती पर गाड़े झंडे
पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, इस कहावत को बुमराह ने टेस्ट में अपने पहले ही साल में साबित कर दिया। एक ही कैलेंडर ईयर में बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की धरती पर एक पारी में पांच विकेट चटकाते हुए सबको बता दिया कि भारतीय टीम अब सिर्फ अपनी बल्लेबाजी पर निर्भर नहीं रही।
बुमराह क्यों इतने घातक हैं, इस राज से पर्दा बहुत पहले ही उठ चुका है। बुमराह का अनोखा बॉलिंग एक्शन उन्हें सबसे अलग बनाता हैं। इसके अलावा उनकी गेंदबाजी में स्पीड, सटीक लाइन-लैंथ और कंट्रोल का जबरदस्त कॉम्बिनेशन है। यही वजह है कि बुमराह कई सालों से दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज बने हुए हैं।
ऐसा नहीं है कि बुमराह को सबकुछ पैदाइशी मिला है। बचपन से ही यॉर्कर की प्रैक्टिस करने वाले बुमराह का फोकस हमेशा से ही अपने लक्ष्य पर रहा। उन्होंने खुद को दुनिया के शानदार गेंदबाजों में शामिल करने के लिए दिन-रात मेहनत की और हर पल अपनी गेंदबाजी में नए प्रयोग किए, जिसका नतीजा आज पूरी दुनिया के सामने है।
जब चोट ने रोका रास्ता
बुमराह का करियर भी एक आम तेज गेंदबाज की तरह शुरू हुआ। इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने के साथ ही उनका चोटों से सामना हुआ। वह अभी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ ही रहे थे कि चोटों ने उन्हें घेर लिया। टेस्ट में डेब्यू के करीब डेढ़ साल के बाद ही उन्हें पीठ में परेशानी हुई जिसनें उन्हें 4 महीने के लिए मैदान से दूर कर दिया। इसके बाद तो वह लगभग हर साल चोटों का शिकार होने लगे।
साल 2021 में उन्हें लोअर एब्डॉमिनल इंजरी हुई और वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट नहीं खेल सके। साल 2022 उनके लिए सबसे बुरा बीता। जुलाई में इंग्लैंड दौरे के बाद पीठ की चोट ने उन्हें एक बार फिर लंबे समय के लिए मैदान से दूर कर दिया। इस दौरान वह एशिया कप और T20 वर्ल्ड कप 2022 में नहीं खेल पाए जहां टीम इंडिया को उनकी कमी साफ तौर पर खली।
एशिया कप में भारत फाइनल में भी नहीं पहुंच पाया और T20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। यही नहीं, बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत को 2023 में लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से भी हाथ धोना पड़ा। ये बुमराह के करियर का सबसे खराब दौर था जिसमें वह सितंबर 2022 के बाद से अगस्त 2023 तक लगभग एक साल के लिए मैदान से दूर रहे। इसके बाद आयरलैंड दौरे पर बतौर कप्तान उनकी वापसी संभव हो पाई। इस तरह बुमराह ने उन आलोचकों का मुंह बंद कर दिया जो एक साल पहले उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर रहे थे।
आयरलैंड दौरे के बाद बुमराह का अलग ही अंदाज नजर आया। ऐसा लगा जैसे उनके विकट लेने की भूख और ज्यादा बढ़ गई है। एशिया कप और वनडे वर्ल्ड कप 2023 में उन्होंने गेंद से शानदार प्रदर्शन किया। और फिर T20 वर्ल्ड कप 2024 में हमें बुमराह का चमत्कार देखने को मिला।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ने बुमराह की तारीफ की
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज माइक व्हिटनी ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि...
बुमराह एक शानदार गेंदबाज हैं। उनका स्ट्राइक रेट और औसत किसी भी पिछले दिग्गज की तरह ही अच्छी है। उनके 38 टेस्टों से पता चला है कि वह नियमित रूप से और दुनिया में कहीं भी विकेट ले सकते हैं। वह तेज हैं और उनके पास शानदार नियंत्रण है। वह नई और पुरानी गेंद दोनों से बेहतरीन गेंदबाजी कर सकते हैं। उनके पास पूरे दिन भी गेंदबाजी करने की कला है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उन्होंने कहा कि भारत के लिए गेंदबाजी में वह ट्रम्प कार्ड हैं।
जस्सी जैसा कोई नहीं
पावरप्ले हो या मिडिल ओवर या फिर डेथ ओवर का जबरदस्त प्रैशर। बुमराह को कप्तान ने जब भी गेंद थमाई तो विकेट आना लगभग तय हो गया। पिछले कुछ सालों में हमने ये नजारा कई बार देखा। न्यूयॉर्क में खेले गए 2024 T20 वर्ल्ड कप के उस मैच को भला कौन भूल सकता है जिसमें पाकिस्तान के सामने जीत के लिए सिर्फ 120 रनों का लक्ष्य था।
मोहम्मद रिजवान एक छोर पर डटे हुए थे और मैच पाकिस्तान के पाले में जाता नजर आ रहा था. लेकिन फिर कप्तान रोहित शर्मा ने 15वें ओवर में गेंद जसप्रीत बुमराह को थमाई और ओवर की पहली ही गेंद पर रिजवान पवेलियन लौट गए। इस एक गेंद से मैच का पासा ही पलट गया। ये पहली बार नहीं था जब बुमराह टीम इंडिया के लिए संकटमोचक बनकर आए।
T20 वर्ल्ड कप में बने गेम चेंजर
वर्ल्ड कप के सुपर-8 मैच में जब भारत को 2 बार आईसीसी ट्रॉफी से दूर ढकेलने वाले ट्रेविस हेड ने खूंटा गाड़ा तो रोहित ने एक बार फिर अपने ट्रंप कार्ड बुमराह का इस्तेमाल किया। बुमराह भी अपने कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरे और ट्रेविस हेड को आउट कर मैच का नतीजा भारत के पक्ष में कर दिया। यही कारनामा बुमराह ने फाइनल में दोहराया। एक समय साउथ अफ्रीका की जीत आसान नजर आ रही थी लेकिन 18वें ओवर में बुमराह ने ऐसा जादू चलाया कि मार्को यानसन खड़े रह गए और गेंद उनका डंडा उड़ाती निकल गई। इस ओवर में उन्होंने सिर्फ रन दिए और इसके बाद जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो चुुका है। T20 वर्ल्ड कप में बुमराह 15 विकेट चटकाते हुए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। वह पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया के लिए गेम चेंजर साबित हुए। तभी तो कहते हैं। जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया का वो ब्रह्मास्त्र हैं जिसका वार कभी खाली नहीं जाता है।
पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने बुमराह को बताया बेस्ट
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि...
बुमराह इस समय दुनिया के सबसे बेस्ट तेज गेंदबाज हैं। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी भी कप्तान के लिए ये खुशकिस्मती की बात है कि बुमराह जैसा गेंदबाज उनकी टीम में है। कोई भी फॉर्मेट हो। बुमराह हमेशा विकेट निकालकर देता है। बुमराह बेस्ट है।
T20 वर्ल्ड कप के बाद अब बुमराह टेस्ट में अपनी घातक गेंदबाजी से विरोधियों के छक्के छुड़ा रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 11 विकेट लेते हुए बुमराह टेस्ट के नंबर-1 गेंदबाज बन गए हैं। इस साल जिस अंदाज में वह विकेट की झड़ी लगा रहे हैं, उस देखकर ऐसा ही लग रहा है कि आगामी टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का शामत आने वाली है। अब देखना होगा कि बुमराह ये साल खत्म होने तक और कितने कीर्तिमान अपने नाम करते हैं।