हरमनप्रीत कौर ने वनडे इंटरनेशनल में डेब्यू करने के 13 साल बाद एक नई शुरुआत की। श्रीलंका के खिलाफ पल्लीकल में उन्होंने बतौर फुल टाइम कप्तान करियर के पहले वनडे मैच में भारतीय महिला टीम की कमान संभाली। मिताली राज के संन्यास लेने के बाद बतौर कप्तान हरमनप्रीत के लिए ये मुकाबला किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं था। अपने पहले इम्तिहान में हरमनप्रीत अव्वल नंबर से पास भी हो गईं
फुल टाइम कप्तान बनने के बाद पहले वनडे में जीतीं हरमनप्रीत की टीम
इस मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की पूरी टीम को 171 रन पर ऑल आउट कर दिया। भारत की ओर से रेणुका सिंह और दीप्ति शर्मा सबसे सफल गेंदबाज रहीं, दोनों ने तीन-तीन विकेट अपने नाम किए। पूजा वस्त्राकर को दो सफलता मिली जबकि कप्तान हरमनप्रीत और राजेश्वरी गायकवाड़ ने एक-एक विकेट अपने नाम किया। श्रीलंका की ओर से सर्वाधिक 43 रन नीलाक्षी डि सिल्वा ने बनाए।
‘हरमनप्रीत, दीप्ति के हरफनमौला प्रदर्शन से जीती भारतीय टीम’
हरमनप्रीत लंबे समय से टी20 टीम की कप्तान हैं, लिहाजा उन्हें पता था कि 172 रन के लक्ष्य का पीछा करने के लिए टॉप ऑर्डर को बढ़िया प्रदर्शन करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो जीत दिलाने का दारोमदार उन पर होगा। हुआ भी ठीक ऐसा ही। जब वह बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आईं, भारत का स्कोर था दो विकेट पर 17 रन। स्थिति नाजुक थी लिहाजा भारतीय कप्तान ने टिककर बल्लेबाजी की। उन्होंने 63 गेंदों में 44 रन बनाए। उनकी देखरेख में मिडिल ऑर्डर की बैटर हरलीन देओल को खुलकर खेलने का मौका मिला। हरलीन ने 40 गेंदों में 34 रन बनाए। हरमन टीम को 123 रन तक पहुंचाकर पवेलियन लौट गईं। इसके बाद क्रीज पर आईं टीम की दूसरी सीनियर खिलाड़ी दीप्ति शर्मा। दीप्ति भारतीय टीम को जीत दिलाने तक क्रीज पर मौजूद रहीं। उन्होंने पूरे धैर्य के साथ 41 गेंदों में नाबाद 22 रन बनाए और तीन वनडे की सीरीज में भारत को 1-0 की लीड दिला दी। भारतीय महिला टीम ने 72 गेंद शेष रहते जीत हासिल की। दीप्ति को तीन विकेट लेने और मैच जिताऊ पारी खेलने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
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