आज पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह का जन्मदिन है। ‘टर्बनेटर’ के नाम से मशहूर हरभजन, जो कई सालों तक विश्व के तमाम बल्लेबाजों के लिए ‘टर्मिनेटर’ बने रहे, आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 3 जुलाई 1980 को पंजाब के जालंधर शहर में हुआ था। अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर के दौरान भज्जी दुनिया के तमाम बल्लेबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम रहे। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के साथ उनकी राइवलरी बेहद रोमांचक और लोकप्रिय रही।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया टेस्ट डेब्यू
हरभजन ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला मैच 25 – 28 मार्च 1998 को बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इस मुकाबले में उन्होंने दो विकेट चटकाए थे। कंगारू बल्लेबाज ग्रेग ब्लिवेट उनके करियर का पहला शिकार थे जबकि दूसरा विकेट उन्होंने डैरेन लेहमैन का चटकाया था। इस मुकाबले को ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से जीता था।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा खौफ थे हरभजन
हरभजन ने अपने 17 साल लंबे करियर में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले और सबसे ज्यादा विकेट भी इसी टीम के लिए। उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ 18 मैच में 29.95 की औसत से 95 विकेट चटकाए। टर्बनेटर ने अपने टेस्ट करियर में 417 विकेट चटकाए और इस संख्या में लगभग 23 फीसदी सफलता उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली जो उस वक्त विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीम थी।
2001 टेस्ट सीरीज में हरभजन के आगे नतमस्तक हुए कंगारू
बर्थडे हरभजन का है, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 टेस्ट सीरीज का जिक्र लाजिमी है। तीन टेस्ट की इस सीरीज में पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ने कुल 32 विकेट चटकाए थे। मुंबई में हुए पहले टेस्ट में उन्हें सिर्फ चार विकेट मिले और भारत ये मैच हार गया। इसके बाद हुए दो मुकाबलों में क्या स्टीव वॉ और क्या रिकी पॉन्टिंग और एडम गिलक्रिस्ट, तमाम ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भज्जी की फिरकी के जाल में औंधे मुंह गिरे। बाद के दो मुकाबलों में हरभजन ने 28 विकेट लिए और भारत को सीरीज में 2-1 की यादगार जीत दिला दी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भज्जी के करियर का हाई प्वॉइंट
हरभजन के करियर का चरम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में आया। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में हुए इस मुकाबले में फिरकी के जादूगर ने कुल 13 विकेट लिए। उन्होंने अपने करियर का पहला हैट्रिक भी इसी मुकाबले में लिया। भज्जी ने अपनी हैट्रिक में सबसे पहले 6 रन पर रिकी पॉन्टिंग को आउट किया, दूसरे शिकार गिलक्रिस्ट थे और लगातार तीसरी गेंद पर उन्होंने शेन वॉर्न को चलता किया। टीम इंडिया ने इस मुकाबले में फॉलो ऑन खेलने के बावजूद ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
सात साल पहले खेला अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच
हरभजन सिंह ने अपने करियर का आखिरी टेस्ट 12 – 15 अगस्त 2015 को गॉल में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इस मैच में उन्हें जेहान मुबारक के रूप में सिर्फ एक सफलता मिली थी।
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