HBD Virat Kohli: विराट कोहली - क्रिकेट का नया भगवान!
Happy Birthday Virat Kohli: विराट कोहली जैसा बल्लेबाज दुनिया को फिर नहीं मिलेगा।
Happy Birthday Virat Kohli: 23 अक्टूबर 2022। ऑस्ट्रेलिया का एतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड। टी20 वर्ल्ड कप का एक अहम मुकाबला और भारत के सामने पाकिस्तान की टीम। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान की टीम ने बोर्ड पर 8 विकेट खोकर 159 रन लगा दिए थे। टीम इंडिया के तगड़े बल्लेबाजी लाइन अप को देखते हुए ये टारगेट आसान दिखाई पड़ रहा था। लेकिन हुआ एकदम उल्टा। रोहित शर्मा और केएल राहुल दोनों ही 10 रन के स्कोर तक पवेलियन लौट चुके थे। भारतीय टीम की मुश्किलें यहीं समाप्त नहीं हुईं। 6.1 ओवर तक दो और विकेट गिरे। स्कोर सिर्फ 31 रन। आउट होने वाले खिलाड़ियों में सूर्यकुमार यादव और अक्षर पटेल का नाम भी जुड़ चुका था।
इंडियन बैटिंग लाइन अप बुरी तरह कोलेप्स करता हुआ दिखाई दे रहा था। दूसरे छोर पर खड़े विराट कोहली टीम के बल्लेबाजों को आते-जाते हुए देख रहे थे। फिर क्रीज पर विराट का साथ देने के लिए आते हैं हार्दिक पांड्या। स्टेडियम में बैठे क्रिकेट फैंस और मैच के कमेंटेटर्स के रिएक्शन से लग रहा था कि ये मैच भारत के हाथों से निकल चुका है। खैर, विराट और हार्दिक ने यहां से एक लंबी साझेदारी बनाई। दोनों ने मिडिल ओवर्स में भारत को और नुकसान नहीं होने दिया और बीच-बीच में कुछ बाउंड्रीज भी आती रहीं। अंत के तीन ओवरों में भारत को 48 रनों की जरूरत थी। इनमें से एक ओवर शाहीन अफरीदी और एक हारिस रउफ फेंकने वाले थे। ये दोनों ही मौजूदा समय में दुनिया के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक हैं। खासकर डेथ ओवर्स में रउफ की 6 गेंदों को मारना तो दूर खेल पाना भी हर किसी के बस की बात नहीं है।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जीत दिखने लगी थी और भारतीय डग आउट पूरी तरह से नाउम्मीद नजर आ रहा था। लेकिन तभी इन दोनों ही चीजों के बीच में खड़े हो गए विराट। 18वां ओवर फेंकने आए शाहीन की पहली, तीसरी और छठी गेंद को विराट ने बाउंड्री के बाहर भेजा। इस ओवर से आए 17 रन। अब 12 गेंदों पर 31 रन रह गए। लेकिन गेंद हारिस रउफ के हाथों में थी। पहली 4 गेंदों पर मात्र 3 रन आए। अब 8 गेंदों पर 28 रन चाहिए थे। यहां से भारत का जीतना किसी मिरेकल से कम नहीं माना जाता और शायद विराट ने ऐसे ही मिरेकल करने के लिए ही बल्ला उठाया था। ओवर की अगली दो गेंदों पर दो छक्के आए। पहला एकदम सीधा और दूसरा फाइन लेग के ऊपर से। बड़े-बड़े दिग्गजों का ये मानना है कि विराट ने जिस तरह इस ओवर की पांचवीं गेंद पर सिक्स लगाया वैसा शॉट उन्होंने अपने जीवन में नहीं देखा था।
अब आखिरी ओवर में 16 रन रह गए थे और गेंद लेफ्ट आर्म स्पिनर मोहम्मद नवाज के हाथों में। विराट ने इस ओवर में भी एक छक्का उड़ाया और अंत में टीम गिरते-मरते आखिरी गेंद पर इस मैच को जीत गई। विराट ने आखिर के आधे घंटे पाकिस्तानी गेंदबाजों को जमकर धुना और टीम इंडिया के लिए नामुमकिन लग रही जीत को ये खिलाड़ी पाकिस्तान के जबड़े से छीन लाया। विराट 53 गेंदों पर 82 रन बनाकर नाबाद रहे। विराट के फाइटिंग करेक्टर की ये इकलौती कहानी नहीं है।
हार मानना विराट की डिक्शनरी में नहीं!
टी20 में विराट अबतक कुल 17 बार चेज करते हुए नाबाद लौटे हैं, हर मैच में भारत जीता। खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में विराट सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। यहां तक कि टी20 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन कूटने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट भी देखेंगे तो विराट का नाम टॉप पर दिखाई देगा। मौजूदा वर्ल्ड कप में भी विराट 220 की एवरेज से बल्लेबाजी कर रहे हैं क्योंकि अभी तक ये बल्लेबाज सिर्फ एक ही बार आउट हुआ है। वहीं विराट टी20 वर्ल्ड कप इतिहास में दो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट (2014 और 2016) जीतने वाले दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं। वनडे में भी कहानी कुछ ऐसी ही है। इस फॉर्मेट में विराट के बल्ले से 43 में से 26 सेंचुरी तो चेज करते हुए ही आई हैं। टारगेट का पीछा करते हुए प्रेशर अलग रहता है, लेकिन विराट का रिकॉर्ड ये बताता है कि वो अलग मिट्टी के बने हैं। इतना ही नहीं, विराट ने अपने वनडे करियर के आधे से ज्यादा शतक विदेशी धरती पर ठोके। जहां ज्यादातर सामने रहने वाली टीमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका थीं। जाहिर सी बात है, प्रेशर चाहे चेज करने का हो, बड़ी टीम्स का हो या फिर बड़े टूर्नामेंट का। विराट कभी झुके नहीं।
फिर भी जलने वालों की नहीं कमी!
ये तो हुए विराट के करियर के अबतक के कुछ बेहतरीन रिकॉर्ड्स और आंकड़े। हालांकि पत्रकारिता की पढ़ाई में मुझे कई बार ये बात समझाई गई कि अच्छा लिखना चाहते हो तो आंकड़ों के प्रयोग से थोड़ा बचा करो। लेकिन विराट से जलने वालों की लिस्ट इतनी बड़ी है कि इसके अलावा मेरे पास कोई चारा भी नहीं था। अगर आप सोच रहे हैं कि ये मैं किस लाइन में आ गया तो बता देता हूं कि विराट से प्यार करने वाले करोड़ों हैं तो उनसे जलने वाले कुछ एहसान फरामोश फैंस की भी कमी नहीं है। आए दिन विराट को ये कहकर कम आंका जाता है कि सचिन तेंदुलकर ने जैसे गेंदबाजो को अपने समय में फेस किया था उनके सामने विराट कुछ भी ना कर पाते। ऐसे फैंस पर तरस से ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि या तो ये लोग मिचेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा, जेम्स एंडरसन, नेथन लॉयन, डेल स्टेन और कगिसो रबाडा जैसे दिग्गजों को अच्छा गेंदबाज नहीं मानते या फिर इन्हें विराट के खेलने से ही दिक्कत है। आलम यहां तक था कि वर्ल्ड कप से पहले इस खेल के बड़े-बड़े दिग्गज विराट की जगह दीपक हुड्डा को तीन नंबर पर उतारने की बात कह चुके थे। हालांकि मेरा कैसे भी ये मानना नहीं है कि सचिन तेंदुलकर महान नहीं हैं या दीपक हुड्डा अच्छे बल्लेबाज नहीं है। सवाल ये है कि क्यों देश के लोग आए दिन एक ऐसे खिलाड़ी से महान होने का सबूत मांगते हैं जिसे दूसरे देश के लोग GOAT मान चुके हैं? पिछले तीन साल में कोई दिन ऐसा रहा होगा जब विराट को अलग-अलग बातों के लिए आलोचना ना झेलनी पड़ी हो। तीनों फॉर्मेट से कप्तानी गई, लोगों ने अलग-अलग मैचों के बाद रिटायर होने की सलाह दी। लेकिन विराट डटे रहे और आज कहानी पूरी तरह एक बार फिर बदल चुकी है।
विदेशों में विराट के नाम का खौफ
विराट जब भी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या साउथ अफ्रीका जैसे बड़े देशों में खेलने के लिए गए तो वहां के अखबारों की हेडलाइन हमेशा बदली है। इन बड़ी टीमों के खिलाड़ियों में विराट का खौफ अलग ही दिखता है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उनके मैदानों में उन्हीं की भाषा में विराट ने कई बार जवाब दिया है। लेकिन उन्हें अपने इस रवैये के लिए भी अपने ही देश के लोगों की आलोचना झेलनी पड़ती है। लोग अक्सर ये कहते हैं कि विराट खेलता तो अच्छा है लेकिन उसका एटीट्यूड बहुत खराब है। सवाल है कि क्या मैदान पर उनके आक्रमक रवैये से टीम को नुकसान हुआ? क्या ऐसा करने से उनका प्रदर्शन खराब हुआ? जब विदेशी खिलाड़ियों के खिलाफ आक्रमक रहने के लिए सौरव गांगुली की हमेशा तारीफ हुई है तो विराट से दिक्कत क्यों है? आजतक विराट ने अपने व्यवहार के चलते आईसीसी का कोई भी नियम नहीं तोड़ा, लेकिन ट्रोल करने वालों की कमी नहीं। आज विराट का जन्मदिन है और वो 34 साल के हो चुके हैं। कुछ ही सालों के बाद ये खिलाड़ी इस खेल को अलविदा कह देगा। ऐसे में मेरी तो यही छोटी सी अपील है कि अपने देश के महानतम खिलाड़ियों को सपोर्ट कीजिए, क्योंकि हैं तो आखिर वे भी इंसान ही।